अमेठी

Amethi News: राजा टोडरमल के बसाए ये अनोखे गांव कागजों में बरकरार, यहां घर एक भी नहीं, जानें इनकी कहानी

Amethi News: यूपी के अमेठी जिले में सात गांव ऐसे हैं। जिन्हें सैकडों साल पहले राजा टोडरमल ने बसाया था। 1951 में जमींदारी उन्मूलन के बाद इन गांवों का नाम तहसील के अभिलेखों में बाकायदा दर्ज किए गए, जबकि यहां रहने वाला कोई नहीं था।

अमेठीJun 01, 2023 / 05:35 pm

Vishnu Bajpai

Amethi News: यूपी के अमेठी जिले में सात गांव ऐसे हैं। जिन्हें सैकडों साल पहले राजा टोडरमल ने बसाया था। 1951 में जमींदारी उन्मूलन के बाद इन गांवों का नाम तहसील के अभिलेखों में बाकायदा दर्ज किए गए, जबकि यहां रहने वाला कोई नहीं था। गांव का नाम सुनने के बाद उसमें रहने वालों की बात होती है और फिर गांव के विकास की। इन्हीं के बीच कुछ गांव ऐसे भी हैं जिनका नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज तो है पर जमीन पर कहीं आबाद नहीं हैं।
ऐसे गांवों को गैर चिरागी का नाम दे दिया गया है। यूपी में ऐसे गांव की अलग-अलग अनोखी कहानियां हैं। कई जिलों में ऐसे गांवों में कर्मचारी तक तैनात है। अमेठी जिले में ऐसे करीब सात गांव हैं। बस्ती जिले में ऐसे कई गांवों में कर्मचारी तक तैनात मिलने की बात से बखेड़ा बना।देवरिया में एक ऐसा भी सच देखने में आया जहां एर गैर चिरागी गांव को ओडीएफ बनाया गया। बाद में मामले को किसी तरह निपटाने के प्रयास किए गए।
सिर्फ नाम के हैं अमेठी के सात गांव
अमेठी जिले में ऐसे कुल सात गांव हैं। इन गांवों में मकान के अवशेष तक नहीं बचे हैं। खाली पड़ी जमीनों पर खेती की जा रही है। उपजिलाधिकारी मोतीलाल यादव ने बताया कि भू अभिलेख राजा टोडरमल के समय के हैं। आजादी मिलने के बाद सरकार ने 1951 में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम लागू किया। इसके बाद राजस्व अभिलेखों में राजस्व गांव व परगना का गठन किया गया। अमेठी जिले का गठन चार तहसीलों को मिलाकर किया गया है।
यह भी पढ़ें

मोइन अहमद ने बताया क्रिकेटर से आईएएस बनने तक सफर, इंटरव्यू में इस सवाल ने उलझाया?

इनमें कुल एक हजार राजस्व गांव हैं। इनमें गौरीगंज तहसील में 259, मुसाफिरखाना में 249, तिलोई में 199 व अमेठी तहसील के 293 गांव सरकारी अभिलेखों में दर्ज हैं। गांव गठन में ऐसे राजस्व गांव अस्तिव में आए, जहां रहने वाला कोई नहीं था। दूरी व मानक को देखते इन्हें नाम तो मिला लेकिन रहने वाला कोई नहीं है। रकबा कम होने व परिवार बढऩे के चलते यहां के लोग गांव छोड़ गए। कुछ गांव बाढ़ के चलते गैर आबादी वाले हो गए हैं।
देवरिया में गैर चिरागी गांव ओडीएफ बना
देवरिया में एक ऐसा भी सच देखने में आया जहां गैर चिरागी बंसभरियां गांव को ओडीएफ गांव बना दिया गया। यहां अधिकारियों ने गैर चिरागी गांव को खुले में शौचमुक्त बना दिया। ग्रामीणों को जानकारी होने पर अधिकारी और कर्मचारी अपना गला बचाने के लिए बगल के गांव में आवंटित 25 शौचालयों का निर्माण कराया और मामले को रफादफा किया।
यह भी पढ़ें

कल आ रहा है प्रचंड चक्रवात, यूपी में 4 जून तक होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग का अलर्ट जारी

बस्ती में तो ऐसे गांवों में तैनात कर्मचारी
बस्ती जिले के कई गैर चिरागी गांवों में कर्मचारी तक तैनात करने की बात सामने आने पर अधिकारियों के हांथ पांव फूले और फिर सब कुछ समेटने की कार्रवाई होने लगी। ग्राम पंचायत पिपरपाती एहतमाली का राजस्व गांव माझा तिलकारपुर, इसी ग्राम पंचायत के राजस्व गांव माझा हिरदासपुर, ग्राम पंचायत अइलिया का राजस्व गांव बुढि़या कोईल उर्फ बंदी शुक्ल, ग्राम पंचायत थन्हवा मुड़िया का राजस्व गांव मुर्गीपुरी, इसी ग्राम पंचायत का राजस्व गांव हटवा, ग्राम पंचायत कचनी का राजस्व गांव बेलसुही, ग्राम पंचायत अमईपार का राजस्व गांव लोनादोना, ग्राम पंचायत पाऊं का राजस्व गांव सिरपतपुर, ग्राम पंचायत रसूलपुर का राजस्व गांव सुअरहाखुर्द, ग्राम पंचायत सिसई बाबू का राजस्व गांव हमीदपुर, ग्राम पंचायत दैजी का राजस्व गांव हरहाडांड़, बैसिया कला का राजस्व गांव बैसिया खुर्द गैर चिरागी घोषित हैं।
यह भी पढ़ें

यूपी के 16 जिलों में 50-60 की रफ्तार से चलेंगी हवांए, 48 घंटे लगातार बारिश का येलो अलर्ट

Hindi News / Amethi / Amethi News: राजा टोडरमल के बसाए ये अनोखे गांव कागजों में बरकरार, यहां घर एक भी नहीं, जानें इनकी कहानी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.