मोहसिन रजा 1990 के दशक का जिक्र करते हुए कहा की यही वे लोग है जो शुरू से राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे।इन्ही लोगों ने कारसेवकों के ऊपर गोली चलवाकर कर खून बहाए थे। इनको न प्रदेश की जनता से कोई मतलब है ना ही देश की जनता से कोई मतलब है। इनका एजेंडा था की हम वहां मंदिर निर्माण नहीं होने देंगे। यही लोग प्रेस कांफ्रेंस किए सारा मामला नियोजित है। अब इनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। भगवान राम का मंदिर करोड़ों देशवासियों के आस्था का विषय है।