पैदल कर चुके हैं विभिन्न देशों की यात्रा अमेठी के ग्रामसभा गौरा प्राणी पिपरी में जन्में सती प्रसाद महाराज की सौ साल की जिंदगी में कोई तीर्थ स्थल ऐसा बाकी नहीं जहां वह दर्शन के लिए नही गए हों। नेपाल, भूटान और वर्मा जैसे देशों की यात्रा वे पैदल कर चुके हैं। गोमती नदी के किनारे निवास करने वाले सती प्रसाद महाराज ने अपने जीवन का आधा हिस्सा कंकड़, पत्थर, मिट्टी, बालू खाकर बिता दिए। इसके बाद भी उन्हें किसी प्रकार की बीमारी व परेशानी तक नहीं हुई। सौ वर्ष की अवस्था में भी सती प्रसाद दिन में एक से दो बार कंकड़-पत्थर का सेवन करते हैं। हालांकि, बुढ़ी उम्र में झुकी कमर और हाथ में लाठी लेेकर वे चलते हैं। लेकिन उनके खानपान में कंकड़-पत्थर मुख्य रूप से शामिल रहता है। सती प्रसाद इस वजह से अपने एरिया में चर्चा का विषय बने रहते हैं।