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Amethi : एक मिनट भी आरिफ से दूर नहीं रह सकता है सारस, जानिए इस अनोखी दोस्ती की दास्तान

Amethi Arif Saras unique friendship: घायल सारस को मरहम लगाने से शुरू हुई इंसान और पक्षी की दोस्ती पूरे क्षेत्र में मिसाल बन चुकी है। अब दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते हैं।

अमेठीFeb 27, 2023 / 04:48 pm

Vishnu Bajpai

आपने इंसानों की गहरी दोस्ती के बारे में तो सुना होगा, लेकिन यहां कहानी एक पक्षी और इंसान की दोस्ती की है। जी हां, सुनने में अजीब जरूर लगता है, लेकिन यह सोलह आने सच है। यह कहानी आजकल अमेठी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। आइये अब हम आपको इस कहानी से रू-बरू कराते हैं।
https://youtu.be/8sDz3QtZ3wI

साल 2022। मार्च का महीना। अमेठी जिले के जामो ब्लॉक का मंढका गांव। गांव निवासी तीस वर्षीय आरिफ रोज की तरह सुबह-सुबह अपने खेतों की ओर गए थे। खेत से कुछ दूर पहले ही आरिफ को एक सारस घायल अवस्‍था में पड़ा मिला। नजदीक पहुंचने पर असहाय सारस आरिफ की ओर मदद भरी नजरों से देखने लगा। उसका पैर टूटा था। आरिफ उसे अपने घर ले आए। यहां लाकर उसकी मरहम पट्टी की गई। अब यहीं से शुरू होती है इंसान और पक्षी की दोस्ती की पटकथा..

 

साल भर पहले जख्म पर लगाया था मरहम
आरिफ बताते हैं “साल भर पहले सारस पक्षी के घाव पर मरहम लगाया था। वक्त के साथ घाव ठीक तो हुआ ही, साथ ही सारस का उसके साथ भावनात्मक लगाव भी बढ़ गया। अब इसे कुदरती रिश्ता कहें या मानवता की पराकाष्ठा। न सारस आरिफ को छोड़ना चाहता है, और न आरिफ सारस को छोड़ना चाहते हैं। यानी दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रहना चाहते।

जय और वीरू जैसी हो गई है दोनों की दोस्ती
आरिफ के मित्रों व परिवार के लोगों का कहना है कि फिल्म शोले के जय और वीरू जैसी सदाबहार दोस्ती दोनों में हो गई है। आरिफ के साथी सर्वेश बताते हैं कि साल भर पहले खेत में सारस मिलने व उसके घर पर रहने की बात को पहले सभी ने हल्के में लिया पर अब वही सारस सब का प्रिय हो गया है।

 

अब तो घर में सभी को हो गया है सारस से प्यार
आरिफ की सेवा ने सारस पक्षी का ऐसा दिल मोहा की वह उनके घर पर ही रहने लगा। आरिफ अपने चार साल के बेटे अर्श व छह साल की बेटी अरिबा की तरह अपने दोस्त का ख्याल रखते हैं तो उनकी पत्नी, मां व बहन घर में परिवार के दूसरे सदस्यों की तरह सारस के लिए भी भोजन और पकवाना बनाती हैं।

आरिफ के ही साथ ही करता है भोजन
आरिफ के आसपास ही यह पक्षी भी बना रहता है। आरिफ के पिता लाल बहादुर बताते हैं कि सारस आरिफ के साथ ही भोजन भी करता है। वह घर से बाहर कही जाते हैं तो सारस भी उनके साथ जाने की कोशिश में रहता है। ऐसे में कई बार उन्हें उससे छिपकर जाना पड़ता है।

आरिफ के सारस की यह है प्रतिदिन की डाइट
आरिफ कहते हैं “अपने मित्र सारस को रोजाना सुबह दो अंडे खिलाता हूं। इसके साथ ही वह दिन में रोटी, चावल और सब्जी खाता है। सारस आरिफ पर अपना पूरा अधिकार मानता है, उनके अलावा किसी की मजाल नहीं, जो इसे हाथ भी लगा ले।”

स्वत: प्रभावित होती हैं संवेदनाएं
रणवीर-रणविजय पीजी कॉलेज में मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव बताती हैं “केवल मनुष्यों में ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों में भी मनोवैज्ञानिक लगाव होता है। जीवन में ऐसी बहुत सी घटनाएं हैं, जो हमारी संवेदनाओं एवं भावनाओं को स्वतः ही प्रभावित करती है। कुछ ऐसा ही सारस व आरिफ की दोस्ती में भी है।”

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