स्मृति ईरानी यही तक नहीं रुकी। उन्होंने गुस्से में विपक्षी दलों के सांसदों के सवाल का जवाब देते हुए कहा मुझे बताएं कि आपमें राजस्थान पर चर्चा करने की हिम्मत कब होगी। आपमें छत्तीसगढ़ पर चर्चा करने की हिम्मत कब होगी। बिहार में क्या हो रहा है उस पर चर्चा करने का साहस आपमें कब होगा।
2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को करीब 50 हजार वोटों के अंतर से स्मृति ईरानी नेे पटकनी दी। इसी के साथ ईरानी ने कांग्रेस का सबसे सुरक्षित किला को ढहा दिया। और मोदी सरकार में बन गई कैबिनेट मंत्री। ईरानी को मंत्रालय मिला मानव संसाधन और विकास। जिसे अब शिक्षा मंत्रालय भी कहा जाता है। लेकिन अमेठी का किला ढहाना इतना आसान नहीं था।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी से हार मिलने के बाद भी स्मृति ईरानी ने अपना हौसला नहीं खोया। वे निरंतर अमेठी में डटी रहीं। भारतीय जनता पार्टी, संघ परिवार और सरकार हर किसी ने अमेठी में स्मृति ईरानी की मदद की। बावजूद इसके वह खुद भी दिन-रात मेहनत करती रही। अमेठी में भाजपा के प्रवक्ता गोविंद सिंह ने बताया कि साल 2014 से 2019 के बीच स्मृति ईरानी ने करीब 60 बार अमेठी का दौरा किया।
2024 में स्मृति ईरानी ने शुरुआत के 4 महीने में ही 50 बार से अधिक बार अमेठी का दौरा किया। अमेठी को लोगों के समस्याओं को सुना और उसका समाधान किया। बीते फरवरी महीने में स्मृति ईरानी ने अमेठी में बने अपने नए घर पर प्रवेश भी किया। जानकारी के लिए बता दें कि स्मृति ईरानी ने अमेठी की जनता से वादा किया था कि लोगों को अपने सांसद से मिलने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। वह अमेठी में ही अपना घर बनवा कर जनता की समस्या सुनेंगी। अमेठी में घर बनवा कर स्मृति ईरानी ने अपना वादा पूरा किया।
-एक लाख परिवारों को घर
-4 लाख परिवारों को नल
-2.5 परिवारों को गैस कनेक्शन
-3 लाख परिवारों को किसान सम्मान निधि
-अमेठी में मेडिकल कॉलेज
-एक्सप्रेस से जुड़ी
-किसान विकास केंद्र खुला
-सॉइल टेस्ट केंद्र खुला