सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस के सामने मदुरो की अपील
विपक्ष के नियंत्रण वाली संसद के प्रमुख जुआन गुआइदो द्वारा खुद को वेनेजुएला का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित करने और उसके तुरंत बाद वॉशिंगटन की ओर से इस पर समर्थन जताया था। बताया जा रहा है कि उसके बाद मदुरो ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस (टीएसजे) के समक्ष यह बात रखी। इसके बाद तमाम मजिस्ट्रेट और अन्य सरकारी शाखाओं के प्रतिनिधियों ने उनके (मदुरो के) प्रति अपना समर्थन जताया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा , ‘मैंने हमारे देश के सभी कर्मियों, राजनयिकों और वाणिज्यिदूतों को वापस बुलाने और अमरीका में हमारे सभी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का फैसला किया है।’
गुआइदो का मदुरो के फैसले को अस्वीकार
मदुरो ने इस दौरान ये भी दोहराया कि बुधवार को उन्होंने ‘डोनाल्ड ट्रंप की साम्राज्यवादी सरकार के साथ सभी राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को तोड़ने और उनके सभी राजनयिक और अन्य कर्मियों को वेनेजुएला से 72 घंटों के भीतर निष्कासित करने का’ निर्णय लिया। हालांकि गुआइदो ने मदुरो के फैसले को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद सभी विदेशी दूतावासों को अपनी स्थिति में रहने के लिए कहा। वहीं, अमरिका ने भी साफ कर दिया कि वह अब मदुरो को देश का प्रमुख नहीं मानता, इसलिए वह उनके निर्देशों का पालन नहीं करेगा।
सभी गैर-जरूरी कर्मियों को वापस आने का आदेश
आपको बता दें कि अमरीकी सरकार ने गुरुवार को मदुरो के देश छोड़ने के 72 घंटे के अल्टीमेटम की प्रतिक्रिया में वेनेजुएला से अपने सभी गैर-जरूरी कर्मियों को वापस आने का आदेश दिया। इसके बाद अलर्ट के तौर पर विदेश विभाग ने वेनेजुएला में रहने वाले या यात्रा कर रहे अमरीकियों को देश छोड़ने पर गंभीरता से विचार करने की सलाह दी थी। इन सब के बीच अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार को सुरक्षा बलों को वेनेजुएला के स्वघोषित राष्ट्रपति (गुआइदो) की रक्षा करने का आग्रह किया। साथ ही ‘वेनेजुएला के लोगों’ के लिए मानवीय सहायता के रूप में दो करोड़ डॉलर की धनराशि की भी घोषणा की।