दरअसल, इस विधेयक का प्रस्ताव रिपब्लिकन पार्टी के सांसद जॉन कॉर्निन (John Cornyn) द्वारा लाया गया था और इसका समर्थन डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद मार्क वार्नर (Mark Warner) ने भी किया था। इन दोनों ने अमरीकी हथियार नियंत्रण कानून में आवश्यक संशोधन की मांग की थी।
अमरीका को पोलैंड में रूसी हमले का डर, 1000 सैनिकों की तैनाती का प्रस्ताव
भारत की बड़ी सफलतायह बिल मानवीय सहायता, आतंकवाद निरोध, समुद्री डकैती और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में अमरीका-भारत रक्षा सहयोग को बढ़ाने की बात करता है। इस संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद अमरीका बड़े रक्षा भागीदार के तौर पर सामने आएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस संशोधन बिल से भारत को अत्याधुनिक रक्षा उपकरण के निर्यात में मौजूदा कानूनी बाधाएं खत्म होंगी। इस तरह के उपकरण आम तौर पर कुछ ही देशों को दिए जाते हैं। बता दें कि नाटो का मुख्यालय बेल्जियम के ब्रसेल्स में स्थित है। नाटो एक सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को की गई थी। इस संगठन में शामिल देशों के बीच एक दूसरे की सामूहिक सुरक्षा का जिम्मा होता है।