अमरीकी रक्षा सचिव पैट्रिक शहनान ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, “संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष की सलाह और वाइट हाउस के परामर्श से मैंने रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए लगभग 1,000 अतिरिक्त सैनिकों के तैनाती का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में जमीनी आधार पर खतरे को देखते हुए सैनिकों की तैनाती का फैसला किया गया है। शहनान ने आगे कहा, ” टैंकरों के ऊपर हाल के हमलों ने ईरानी सेना और उनके प्रॉक्सी समूहों द्वारा शत्रुतापूर्ण व्यवहार को साबित किया है। ये नए जमीनी खतरे निश्चित रूप से संयुक्त राज्य अमरीका के कर्मियों और उसके हितों को खतरे में डालते हैं।
अमरीका की इस घोषणा से कुछ समय पहले ही पेंटागन ने कुछ नई तस्वीरें जारी की हैं। इन तस्वीरों के आधार पर इस बात का पुख्ता दावा किया गया है कि ईरानी नौकाओं ने 13 जून को ओमान की खाड़ी में हमला किए गए दो टैंकरों में एक से माइंस को हटाया था। बता दें कि अमरीका ईरान को इस हमले का दोषी मनाता है जबकि तेहरान ने मजबूती से आरोप का खंडन किया है।
एक अमरीकी अधिकारी का कहना है कि खुफिया, निगरानी और टोही विमान और ट्रेंड सैन्यकर्मियों की तैनाती होगी। कई तरह के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैनात करने पर भी विचार किया जा रहा है। अमरीकी विदेश विभाग ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य के सचिव माइक पोम्पियो मंगलवार को मध्य पूर्व सैन्य अभियानों की देखरेख करने वाले कमांड सेंटर की यात्रा करेंगे। अपनी यात्रा से एक दिन पहले पोम्पियो ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन अभी भी ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर विचार नहीं कर रहा है।
उधर ईरानी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अमरीकी विदेश विभाग ने पोम्पियो की मध्य कमान की यात्रा की घोषणा की है जो कि अमरीकी नीयत को दर्शाता है। ईरान ने आरोप लगाया है कि अमरीका जानबूझकर इस इलाके में टकराव को बढ़ावा देना चाहता है। बता दें कि ईरान ने सोमवार को घोषणा की कि वह अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते द्वारा निर्धारित यूरेनियम भंडार सीमा को तोड़ देगा।
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