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ब्राजील में दक्षिणपंथ की जीतदो हफ्ते पहले चुनाव के प्रथम दौर में 46 प्रतिशत वोट के साथ शीर्ष स्थान हासिल करने के बाद बोल्सनारो हालिया चुनावों में अगुवाई कर रहे थे । सितंबर की शुरुआत में हुए हमले के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इन हमलों में वह बुरी तरह घायल हो गए थे। इसके बाद उनकी सर्जरी भी करवानी पड़ी थी। हमले के बाद चुनाव अभियान में असमर्थ होने पर बोल्सनारो ने लगभग अपना पूरा राष्ट्रपति चुनाव ऑनलाइन लड़ा है। उनके फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम में 14 मिलियन अनुयायियों की संख्या है जबकि उनके प्रतिद्वंदी हद्दाद के साथ सिर्फ 2.8 मिलियन लोग जुड़े हुए हैं।बोल्सनारो ने अपना चुनाव
भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों पर लड़ा था। अपने उग्र दक्षिणपंथी विचारों के चलते उन्हें ब्राजील का डोनाल्ड ट्रंप कहा जाता है। उनकी जीत ब्राजील में पसंद की जाने लगी दक्षिणपंथी रुझान को दर्शाती है।
ब्राजील के लोगों ने बोल्सनारो की जीत का स्वागत किया है। हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी फर्नांडो हद्दाद ने उन पर कई तीखे हमले किये लेकिन बोल्सनारो ने इन हमलों का जवाब बखूबी दिया और जीत दर्ज करने में सफल रहे। साओ पाओलो के मेयर और शिक्षा मंत्री रह चुके हद्दाद वर्कर्स पार्टी के उम्मीदवार थे। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति इनेसिओ लुला डि सिल्वा की जगह उम्मीदवार बनाया था। बता दें कि लुला डि सिल्वा भ्रष्टाचार में दोषी पाए जाने के बाद 12 साल के लिए जेल में हैं। एक तरफ हद्दाद जहां जमीन पर लोगों से मिलकर प्रचार कर रहे थे, वहीं बोल्सनारो सोशल मीडिया के ज़रिए ही प्रचार कर रहे थे। चाकू हमले में घायल होने के बाद वह जनसभाएं नहीं कर रहे थे।
बोल्सनारो जल्द ही राष्ट्रपति माइकल टेमेर का स्थान लेंगे। टेमेर डेमोक्रेटिक मूवमेंट पार्टी (एमडीबी) के सदस्य हैं। जानकारों का मनाना है कि बोल्सनारो के लिए ब्राजील को पटरी पर वापस ले आना बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। बता दें कि बीते कुछ वर्षों में ब्राजील मेंअपराध के मामलों में बहुत अधिक बढोतरी देखने को मिली है। देश में हर स्तर पर भ्रष्टाचार से निजात पाना उनके लिए बड़ी चुनौती है।