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ईरान मुद्दे पर ट्रंप का यू टर्न! अमरीका के सामने ‘इमेज’ बचाने की चुनौती

US-Iran Tension: अमरीकी ड्रोन को मार गिराए जाने के बाद से ईरान और अमरीका में तनाव काफी गहरा गया है

Jun 25, 2019 / 06:14 pm

Anil Kumar

ईरान मुद्दे पर ट्रंप का यू टर्न? अमरीका के सामने ‘इमेज’ बचाने की चुनौती

नई दिल्ली। अमरीका और ईरान के बीच गहराते तनाव को लेकर एक और खाड़ी युद्ध की आशंकाएं बढ़ने लगी है। हालांकि दुनिया के कई देश इसे एक अल्पकालिक तनाव मान रहे हैं। इन सबके बीच बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप के ईरान मुद्दे पर किए गए फैसले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

बीते गुरुवार को ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने एक अमरीकी ड्रोन को मार गिराया, जिसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सैन्य कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। हालांकि हमले से 10 मिनट पहले ट्रंप ने अपना फैसला वापस ले लिया। इसके लिए बाद में ट्रंप ने कारण भी बताया। इसके बाद अमरीका ने कार्रवाई करते हुए ईरान पर साइबर अटैक का दावा किया।

अमरीका ने ड्रोन गिराए जाने का लिया बदला, ईरान पर किया साइबर हमला

बीते एक हफ्ते में अमरीका और ईरान के बीच हुई घटनाओं ने कई सवाल को जन्म दिया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है ट्रंप का अपना फैसला वापस लेना । दुनिया भर में इस फैसले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है ।अपने फैसलों से बार-बार पलटने वाले ट्रंप के बारे में अब नए तरह के कयास लगाए जा रहे हैं । अमरीकी मीडिया में इस बात पर सवाल उठे हैं कि क्या यह राजनीतिक चाल है या ट्रंप की एक और कमजोरी ?

यू-टर्न राष्ट्रपति हैं ट्रंप

बार-बार अपने फैसले बदलने वाले ट्रंप की इमेज यू टर्न वाले राष्ट्र-प्रमुख के रूप में बनती जा रही है। ऐसा देखा गया है कि ट्रंप अपने पिछले कई फैसलों से पलट चुके हैं। उत्तर कोरिया हो या सऊदी अरब के खशोगी का मामला, ट्रंप पहले एलान कर कई बार फैसलों से पलट चुके हैं। पहले उन्होंने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग को लेकर कई कड़े कदम उठाने का एलान किया लेकिन जब कुछ करने की बारी आई तो मामला फुस्स हो गया।

ट्रंप के पलटने की एक और मिसाल अप्रवासियों के मुद्दे पर दिखी। मेक्सिको पर कर लगाने की धमकी दे कर ट्रंप फिर से पलट गए और लचीली शर्तों पर समझौता कर लिया। पूर्व में सऊदी प्रिंस के मुद्दे पर भी अमरीका का यही रुख दिखा। ट्रंप ने पहले सऊदी अरब को खशोगी मामले में घेरने की कोशिश की लेकिन बाद में उन्होंने प्रिंस को क्लीन चिट दे दी।

2020 में होगा अमरीकी राष्ट्रपति का चुनाव

दरअसल, 2020 में अमरीका में राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है। ऐसे में ट्रंप के लिए बहुत जरूरी है कि वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए मजबूत दावेदारी पेश करें।

राजनीतिज्ञ मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप ने आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए ईरान पर हमले का फैसला बदल दिया। क्योंकि यदि ईरान पर अमरीकी हमला होता तो ईरान भी पलटकर जवाब दे सकता था। ऐसे में अमरीका को भारी आर्थिक नुकसान का खतरा था।

US-Iran Tension: ईरान को दुनिया के नक्शे से मिटाना चाहता है अमरीका ?

आर्थिक खतरे को देखते हुए डेमोक्रेट्स के सांसद ट्रंप के फैसले के साथ खड़े नहीं हो सकते थे। लिहाजा चुनावी मौसम को देखते हुए ट्रंप ने अपना फैसला बदल लिया।

ईरान को मिला कई देशों का साथ

बीते एक महीने के अंदर ओमान की खाड़ी में दो बार अमरीकी तेल टैंकरों को निशाना बनाए जाने के बाद से मामला और भी अधिक गंभीर हो गया। अमरीका ने ईरान पर आरोप लगाया, लेकिन ईरान इस हमले में हाथ होने से साफ इनकार कर दिया।

अमरीका ने दूसरी बार हुए हमले का वीडियो जारी किया और ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को जिम्मेदार बताया। इन सबके बीच ईरान पर अमरीकी हमले को लेकर कई देशों ने ट्रंप से बातचीत की और सैन्य कार्रवाई न करने की सलाह दी।

सीधे तौर पर ईरान को कई देशों का साथ मिला। इसमें चीन ने मुखर होकर ईरान का साथ दिया। इसके अलावा अमरीकी सहयोगी फ्रांस, जर्मंनी, ब्रिटेन आदि देशों ने भी ईरान पर सैन्य कार्रवाई न करने की बात कही।

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