रोहिंग्या संकट पर तय हो जवाबदेही, संयुक्त राष्ट्र राजनयिक ने की मांग
आपको बता दें कि क्यूबा में इस तरह का पहला माला वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में सामने आया था। इसके बाद लगातार यह मामला बढ़ता गया और 2017 में इस तरह के कई मामले सामने आए। लेकिन इस तरह के रहस्यमय बीमारी की चपेट में आने का रहस्य तब और ज्यादा गहरा गया जब चीन में भी एक अमरीकी अधिकारी इस बीमारी की चपेट में आ गया। बता दें कि यह अधिकारी चीन के गुआंगझो में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास में कार्यरत था। इससे पहले अमरीका ने आरोप लगाते हुए कहा था कि यह एक प्रकार का हमला है। इस मामले में अमरीका के विदेश मंत्री के प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा की 29 मई को हवाना को सारी जानकारी दे दी थी साथ ही क्यूबा को अपनी धरती पर अमरीकी राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अमरीका ने हवाना से अपने राजनयिक को वापस बुला लिया है। हालांकि उनके स्वास्थ्य संबंधी जांचों की कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
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आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अमरीकी अधिकारियों को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर इन हमलों के पीछे की वजह क्या है। इस मामले की जांच करने के लिए गठित की जा रही कमिटियों की संख्या बढ़ती जा रही है। हीथर ने बताया कि इस बीमारी के बारे में पता करने के लिए लागातार विशेषज्ञ काम कर रहे है। गौरतलब है कि इससे पहले अमरीकी विदेश मंत्रालय चीन और क्यूबा से अपने कई राजनयिकों को वापस बुला चुका है। ऐसा पाया गया है कि सभी राजयनिक कमोबेस एक समान परेशानियों से गुजर रहे हैं। जैसे हल्का सिर दर्द, कान मे तेज दर्द, थकान, बेचैनी, घबराहट आदि। अमरीकी जांचकर्ताओं ने शुरूआत में क्यूबा में राजनयिकों के बीमार पड़ने के पीछे सॉनिक अटैक की आशंका जताई थी लेकिन अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है।