भारत-अमरीका सम्बन्ध: ट्रम्प के सामने फेल हो रही है पीएम मोदी की ‘हग डिप्लोमेसी’? अल्वारेज ने 2001 में 9/11 के बाद ऐसे पीड़ितों की मदद करने की ठानी जो साइट पर काम करते वक्त बीमार पड़ गए। गौरतलब है कि हमले के बाद इमारत के मलबे को हटाने में हजारों कर्मियों ने वहां दिन-रात काम किया। इस दौरान उन्हें सांस संबधित बीमारी हो गई। मलबे से निकलने वाली धूल ने उन्हें बीमार कर दिया।
AFG vs PAK मैच के दौरान आसमान में दिखा ‘जस्टिस फॉर बलूचिस्तान’ का बैनर, समर्थकों में हिंसक झड़प इसकी चपेट में कई पुलिस कर्मी, फायर फाइटर और आपातकालीन राहत कर्मी भी आ गए। इसके बाद से अल्वारेज ने कोर्ट में ऐसे लोगों के लड़ाई लड़ी। उनकी मांग थी कि ऐसे लोगों के लिए सरकार अतिरिक्त फंड और सुविधाएं दे ताकि उनके परिवार को दिक्कतें न झेलनी पड़े।
एक हफ्ते पहले अल्वारेज ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उसकी आत्मा एक धर्मशाला में रह रही है। डाक्टरों ने उसे जवाब दे दिया है। अल्वारेज का जन्म हवाना में 1965 में हुआ था। उसने 1983 में अलाइन पार्कर से शादी रचाई। उसके तीन बच्चे हैं। 1990 में उसे न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट में नौकरी मिली। 2010 वह रिटायर्ड हो गया।
विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..