हाल ही में सर्पदंश से ग्रामीण अंचल में रहने वाले कई लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं शुक्रवार की अलसुबह भी शहर से सटे ग्राम रनपुरकला में विषैले सांप के डसने से एक महिला की मौत हो गई।
परिजन की लापरवाही की वजह से पीडि़त महिला ने अपनी जान गवां दी। सांप के डसने के बाद परिजन पीडि़ता को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने लगे। इस वजह से उसकी इलाज से पहले ही मौत हो गई। वहीं परिजनों ने सांप को बर्तन में कैद कर लिया था।
गांधीनगर थाना क्षेत्र के ग्राम रनपुरकला निवासी सहियानो बाई पति जंगू पण्डो उम्र 50 वर्ष को डंडा करैत सांप ने डस लिया था। महिला शुक्रवार की सुबह घर की परछी में जमीन पर बिस्तर बिछाकर सो रही थी। वहीं महिला का पति उसी कमरे में खाट पर सो रहा था। जिस परछी में पति-पत्नी सो रहे थे, उसके खपरैल छत टूटी हुई थी।
सुबह करीब 6 बजे छप्पर से लगभग 5-6 फिट लंबा डंडा करैत सांप सीधे महिला के ऊपर गिरा। महिला की नींद खुलती और वह कुछ समझ पाती इससे पहले सांप ने उसके हाथ में डस लिया। जब महिला को बेचैनी होने लगी और हाथ में जलन होने लगा तो उसकी नींद खुली।
इसके बाद महिला ने जैसे ही लाइट चालू किया तो उसके होश उड़ गए। कमरे में सांप रेंग रहा था यह देख महिला चीखने लगी। पत्नी की चीख सुनकर उसका पति भी उठ गया।
इसके बाद पति आस-पड़ोस के लोगों को बुलाकर लाया। वही सांप के डसने के बाद महिला को परिजन इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने लगे। वे गांव के ही एक झाड़-फूंक करने वाले बैगा को बुला कर घर ले आए।
सांप को पकड़कर बर्तन से ढंका
इधर झाडफ़ूंक चल रही थी और उधर पति ने कुछ लोगों के साथ मिलकर विषैले सांप को पकड़कर एक बर्तन के नीचे ढंक दिया। झाडफ़ूंक से महिला की तबीयत ठीक होने की बजाय और बिगडऩे लगी। लगभग 6 घंटे तक झाडफ़ूंक करने के बाद महिला की जान नहीं बच सकी और उसने घर में ही दम तोड़ दिया।
महिला की मौत के 5 घंटे बाद परिजनों ने इसकी सूचना गांधीनगर पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और महिला को अस्पताल लेकर गई। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
झाडफ़ूंक के चक्कर में कई लोगों की जाती है जान
बारिश के मौसम में हर वर्ष संभाग में सर्पदंश से कई लोगों की मौत हो जाती है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मौत सर्पदंश से होती है। दरअसल जागरूकता के अभाव में ग्रामीण सांप के डसने के बाद पीडि़त को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक के चक्कर में फंस जाते हैं।
यह एक बड़ा कारण है कि सांप के डसने की वजह से सरगुजा जिले और इसके आसपास के जिले में मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ता है। ग्रामीणों में जागरुकता लाने इस ओर न तो स्वास्थ्य विभाग कोई पहल करता है और न ही वन विभाग।