सूरजपुर जिले के रमकोला थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दुलदुली निवासी अनिल पंडो ने पत्नी इंद्रावति गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की सुबह उसने पत्नी को रमकोला स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया था। नॉर्मल डिलिवरी नहीं होने पर उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया था।
शनिवार रात करीब 8 बजे परिजन उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। परिजन का आरोप है कि वे बार-बार ड्यूटी डाक्टर्स से डिलीवरी कराने को कह रहे थे। लेकिन वे नॉर्मल डिलीवरी कराने की बात कहकर टालते रहे। 18 घंटे बाद रविवार दोपहर करीब 2 बजे जब सिजेरियन डिलिवरी कराई गई तो बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ। वहीं इंद्रावति की स्थिति भी नाजुक है। डॉक्टरों द्वारा उसे आईसीयू में रखा गया है।
तीन घंटे बाद पहुंचे घर
शाम करीब 5 बजे शव को लेकर निकले परिजन करीब 3 घंटे बाद घर पहुंचे। रात हो जाने की वजह से शव को दफनाया नही गया। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से घर की दूरी करीब 95 किमी है।
शाम करीब 5 बजे शव को लेकर निकले परिजन करीब 3 घंटे बाद घर पहुंचे। रात हो जाने की वजह से शव को दफनाया नही गया। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से घर की दूरी करीब 95 किमी है।
अनिल पंडो का कहना है कि उन्होंने शव वाहन के लिए प्रयास किया था। जब कोई व्यवस्था नहीं मिली तो मजबूरन उन्हें बाइक से लेकर शव को जाना पाड़ा।
सिजेरियन के लिए तैयार नहीं थे
शनिवार की रात 8 बजे परिजन ने महिला को भर्ती कराया था। पहला बच्चा होने की वजह से चिकित्सक नॉर्मल डिलीवरी का इंतजार कर रहे थे। नॉर्मल डिलीवरी की स्थिति नहीं बनी तो डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कहा था। परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे। इस वजह से सर्जरी में देरी हुई।
डॉ. आरसी आर्या, एमएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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सिजेरियन के लिए तैयार नहीं थे
शनिवार की रात 8 बजे परिजन ने महिला को भर्ती कराया था। पहला बच्चा होने की वजह से चिकित्सक नॉर्मल डिलीवरी का इंतजार कर रहे थे। नॉर्मल डिलीवरी की स्थिति नहीं बनी तो डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कहा था। परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे। इस वजह से सर्जरी में देरी हुई।
डॉ. आरसी आर्या, एमएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल