अंबिकापुर

संभाग के इकलौते वायरोलॉजी लैब में 6 हजार से ज्यादा कोरोना सैंपल पेंडिंग, रोक दी गई आरटीपीसीआर सैंपलिंग

Virology Lab: मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) में सिर्फ एंटीजन पद्धति (Antigen) से हो रहे टेस्ट, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन व वायरोलॉजी लैब प्रभारी का कहना कि बढ़ रहा दबाव

अंबिकापुरApr 17, 2021 / 11:32 pm

rampravesh vishwakarma

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अंबिकापुर. सरगुजा में संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। कोरोना मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इससे वायरोलॉजी लैब (Virology Lab) व कोविड अस्पतालों पर भी दबाव काफी बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के वायरोलॉजी लैब में लगभग 6 हजार से ज्यादा आरटीपीसीआर सैंपल पेडिंग पड़े हैं।
रायगढ़ व बिलासपुर से भी आरटीपीसीआर सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। सरगुजा के अलावा दो अन्य जिलों से सैंपलों का दबाव बढऩे से अंबिकापुर वायरोलॉजी लैब में ज्यादा सैंपल पेंडिंग पड़े हुए हैं।

सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया ने बताया कि आरटीपीसीआर सैंपल (RT-PCR sample) पेंडिंग पड़े होने के कारण शासन के निर्देश के बाद शनिवार को आरटीपीसीआर सैंपलिंग कार्य रोक दिया गया है।

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मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) में केवल एंटीजन से ही कोरोना सैंपलों की जांच की गई। इस लिए सौंपल कक्ष के बाहर लोगों की भीड़ ज्यादा देखा गया। लोग सुबह से ही जांच कराने मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित क्लब ग्राउंड सैंपलिंग कक्ष पहुंचे थे। दस बजे तक सैंपलिंग कार्य शुरू नहीं किया गया।
लगभग 11 बजे सैंपलिंग शुरू हुई तो लोगों को पता चला कि आरपीटीसीआर सैंपल नहीं लिया जाएगा। इसके बाद लोगों को एंटीजन टेस्ट कराकर वापस लौटना पड़ा।


जांच में लग रहा ज्यादा समय
मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब प्रभारी एवं डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि तीन दिन पूर्व तक अंबिकापुर वायरोलॉजी लैब में ऑटोमेटेड एक्सट्रेक्शन किट से आरटीपीसीआर सैंपलों की जांच की जाती थी।
इस किट से सैंपल जांच के लिए तैयार किया जाता है और 6 से 7 घंटे के अंदर जांच पूरी हो जाती थी। अब पूरे प्रदेश में ही ऑटोमेटेड एक्सट्रेक्शन किट खत्म हो जाने से हाथ से सैंपलों को तैयार किया जाता है। इसमें ज्यादा समय लगता है।

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1500 से घट कर 900 सैंपलों की जांच
डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित वायरोलॉजी लैब में 1200 सैंपलों की जांच करने की क्षमता है। लेकिन ऑटोमेटेड एक्सट्रेक्शन किट के माध्यम से हर दिन 1400 से 1500 सैंपलों की जांच हर दिन की जा रही थी। लेकिन प्रदेश में किट खत्म हो जाने के कारण जांच की क्षमता घट कर 900 तक सिमट गई है।

वायरोलॉजी लैब पर काफी दबाव
पूरे संभाग में एक मात्र वॉयरोलॉजी लैब (Virology lab) होने के कारण सैंपलों का दबाव काफी बढ़ा हुआ है। वहीं जिले में भी हर दिन काफी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे है। हर दिन लोग सुबह-सुबह ही कोरोना जांच कराने अस्पताल पहुंच जा रहे है। इस कारण कोरोना संदिग्धों की काफी भीड़ लग रही है। लोगों को अपनी बारी का इंतजार करने के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है।

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