गौरतलब है कि संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय (VC powers taken away) अपनी स्थापना के बाद से ही विवादित कार्यशैली की वजह से सुर्खियों में रहा है। विशेषकर यहां प्रशासनिक पदों को लेकर टकराव की स्थिति व अव्यवस्था स्थापना काल से ही चली आ रही है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है।
ये विवाद इस कदर बढ़ा कि अब राज्य सरकार द्वारा 3 अक्टूबर को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 लागू (VC powers taken away) कर दी गई है। इससे 3 अक्टूबर से कुलपति अशोक सिंह की शक्तियां क्षीण हो गईं हैं। इनके सारे अधिकार राज्यपाल के पास चले गए हैं।
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VC powers taken away: अधिसूचना में 3 कारणों का है उल्लेख
प्रकाशित अधिसूचना में जिन 3 कारणों (VC powers taken away) का उल्लेख किया गया है, इनमें संत गहिरा गुरु विवि के कार्यकलापों में कुप्रशासन तथा अव्यवस्था, विवि में आंतरिक विवाद एवं समन्वय के अभाव के कारण स्वस्थ शैक्षणिक, प्रशासनिक वातावरण का अभाव तथा जनसाधारण एवं छात्रों की दृष्टि में विवि के प्रति विश्वसनीयता में गिरावट शामिल हैं। यह अधिसूचना प्रकाशन की तारीख से 1 वर्ष की कालावधि के लिए प्रभावी रहेगी।