स्वास्थ्य मंत्री से हां और ना में चाहिए जवाब
कर्मचारियों ने कहा कि जाएं तो कहां जाएं। कई बार नेताओं व मंत्री को ज्ञापन दिया गया, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। इस दौरान कर्मचारियों से पुलिस व प्रशासन ने ज्ञापन देने को कहा। इस पर कर्मचारियों ने कहा कि अब हम ज्ञापन नहीं देंगे, हमें स्वास्थ्य मंत्री से हां और ना में जवाब चाहिए।
‘केवल मिला है झूठा आश्वासन’
कर्मचारियों ने कहा कि शासन से लगातार नियमितीकरण की मांग की जाती रही है। नियमितीकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों द्वारा अनेकों बार मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्री गणों विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया किंतु हर बार केवल झूठा आश्वासन ही मिला है।
कर्मचारियों ने कहा कि शासन से लगातार नियमितीकरण की मांग की जाती रही है। नियमितीकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों द्वारा अनेकों बार मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्री गणों विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया किंतु हर बार केवल झूठा आश्वासन ही मिला है।
कांग्रेस सरकार ने सरकार बनते ही 10 दिवस के भीतर नियमितीकरण का वादा किया था किंतु आज 4 वर्षों से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा नियमितीकरण के संबंध में कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।
‘मैं आपकी बात केवल सीएम तक रख सकता हूं’
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण समेत दूसरी मांगों को लेकर शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आवास का घेराव कर दिया था। स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों से फोन पर चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आप लोगों को न्याय मुख्यमंत्री से मिल पाएगा। हम लोग खुद ही किनारे में है आप लोग भी जानते हैं। हम आपकी बात मुख्यमंत्री तक रख सकते है, इससे ज्यादा मेरी हैसियत नहीं हैं।
ये हैं मांगें
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की मांग है कि जनघोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुरूप वरिष्ठता के अनुसार राज्य के विभिन्न शासकीय विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का अतिशीघ्र नियमितिकरण की कार्रवाई करने हेतु आदेश व निर्देश प्रसारित किया जाए।
शासकीय विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के सेवा का सत्यापन एवं वरिष्ठता की समग्र जानकारी हेतु प्रत्येक विभागों में सेवा पुस्तिका का संधारण एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से संबंधित समस्त जानकारी ऑनलाइन वेबसाइट के एम्प्लॉइ डैशबोर्ड में अपलोड करने हेतु आदेश, निर्देश प्रसारित किया जाए।
जब तक नियमितिकरण की कार्रवाई पूर्ण नहीं हो जाती, तब तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की छंटनी पर रोक लगाते हुए सेवा में स्थायीकरण प्रदान किया जाए तथा स्थायी वेतनमान निर्धारित कर प्रतिमाह वेतन का भुगतान करने के आदेश, निर्देश प्रसारित किए जाएं।