गौरतलब है कि उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम लैंगा निवासी मेघुराम सिरदार 50 वर्ष के बेटे भजन सिरदार की 3 वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। इसके बाद से उसकी बहू कलावती सिरदार 27 वर्ष अपने 10 वर्षीय बेटे चंद्रिका के साथ ससुराल में ही रहती थी। 8 सितंबर 2021 की आधी रात मेघुराम, कलावती व चंद्रिका की किसी ने नृशंस हत्या कर दी थी।
सुबह तीनों का शव अलग-अलग जगह में मिला था। तिहरे हत्याकांड ने इलाके समेत जिलेभर को झकझोर कर रख दिया था। तिहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने तत्कालीन एसपी अमित तुकाराम कांबले ने तत्काल टीम का गठन किया और पूछताछ शुरु की।
इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि लैंगा गांव का ही अरविंद सिरदार उर्फ बिटना पिता बसंत राम हत्या की वारदात में शामिल हो सकता है। पुलिस ने शक के आधार पर उससे पूछताछ शुरु की तो उसने पहले इस वारदात से इनकार किया, जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और तीनों की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।
पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू समेत वारदात में प्रयुक्त सामान बरामद कर लिया। पुलिस ने उसे धारा 302, 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया।
प्रकरण में सुनवाई पूरी होने के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल ने आरोपी अरविंद सिरदार उर्फ बिटना पिता बसंत राम को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
ऐसे की थी तीनों की हत्या
आरोपी अरविंद सिरदार विधवा कलावती से एकतरफा प्रेम करता था। वह उससे प्रेम संबंध स्थापित करना चाहता था लेकिन महिला को यह मंजूर नहीं था। वह बार-बार उसे मना करती रही। इसी बीच 8 सितंबर की रात 12 बजे हत्या की नीयत से वह कलावती से मिलने उसके घर पहुंचा था।
ऐसे की थी तीनों की हत्या
आरोपी अरविंद सिरदार विधवा कलावती से एकतरफा प्रेम करता था। वह उससे प्रेम संबंध स्थापित करना चाहता था लेकिन महिला को यह मंजूर नहीं था। वह बार-बार उसे मना करती रही। इसी बीच 8 सितंबर की रात 12 बजे हत्या की नीयत से वह कलावती से मिलने उसके घर पहुंचा था।
दरवाजा खोलने के बाद कलावती खाट पर बैठ गई और उसपर चिल्लाने लगी। उसने कहा कि वह इतनी रात उससे मिलने क्यों आया है? इतना सुनते ही आरोपी ने अपने पास रखे चाकू से उस पर वार किया, महिला द्वारा हट जाने के कारण खाट पर सो रहे बेटे चंद्रिका के पेट में चाकू घुस गया।
मासूम बेटे के पेट में चाकू लगा तो वह शोर मचाते हुए घर के बाहर भाग निकला और घर से कुछ दूर जाकर बेहोश हो गया। इधर अरविंद ने कलावती के गर्दन पर चाकू व अन्य हथियार से ताबड़तोड़ वार कर नृशंस हत्या कर दी।
इसके बाद वह बाहर निकला और बेहोश बेटे पर चाकू से तब तब वार करता रहा जब तक उसकी मौत न हो गई। शोर सुनकर कलावती का ससुर मेघुराम सिरदार भी बाहर निकला तो आरोपी ने उसकी भी हत्या कर दी।