जिला नोडल अधिकारी ने कार्यशाला में कोटपा 2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस दौरान मुख्य रूप से डॉ. अमीन फिरदौसी, डॉ. पुष्पेन्द्र उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत माता राजमोहिनी देवी के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। उन्होंने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि सरगुजा को तम्बाकू मुक्त जिला (Tobacoo free district) बनाने की मुहिम शुरू कर दी गई है। 1 अपै्रल से लोगों को कड़े नियमों का पालन कराया जाएगा, ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि तंबाकू का उपयोग नियमों व दायरे में हो, खुले में न करें। लोग नियम का पालन करें। अगर १०० में से किसी 1 व्यक्ति को तंबाकू सेवन करने से कैंसर हो जाता है तो उसकी पूरी जिन्दगी के साथ-साथ पूरा परिवार तबाह हो जाता है। इलाज में लाखों खर्च के बावजूद भी उसे बचाया नहीं जा सकता है।
5 रुपए का तंबाकू जिन्दगी तबाह कर देता है। अगर आप सार्वजनिक जगहों पर तंबाकू का सेवन करते हैं तो छोटे बच्चे भी देखते हैं। छोटे बच्चे देख कर सीखते हैं। माता-पिता ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा नशे का आदि हो।
तंबाकू कोई खाद्य पदार्थ नहीं
तंबाकू नियंत्रण जिला नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार की मंशा तंबाकू बंद करने की है। तंबाकू एक ऐसा पदार्थ है जो जहर का काम करता है। यह कोई खाद्य पदार्थ नहीं है। यह शरीर में जहर का काम करता है।
इसके सेवन करने से दर्दनाक मौत हो सकती है। इसके सेवन से मुंह के कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। अगर किसी को मुंंह का कैंसर हो गया तो उसे बचाना मुश्किल हो जाता है।
40 देशों ने मिलकर बनाया था कोटपा अधिनियम
डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण हेतु वर्ष 2003 में कोटपा अधिनियम लागू किया गया था। यह नियम ४० देशों ने मिलकर बनाया है। ताकि इस नियम को सख्ती से लागू किया जा सके। धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान का प्रतिषेध, अगर कोई भी व्यक्ति खुले में धूम्रपान करते पाया गया या दुकानदार पर 200 रुपए का जुर्माना का नियम है।
लेकिन सरगुजा कलक्टर ने इस नियम को सख्ती से पालन कराने के लिए इस जुर्माने को 200 से बढ़ाकर 1000 किया है। वहीं धारा 6 (अ) के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचने का प्रतिषेध है। अगर ऐसा करते पाए जाने पर जुर्माना का प्रावधान है। धारा 6 (ब) के तहत शिक्षण संस्थान के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पाद बेचने का प्रतिषेध है।
तंबाकू के दुष्प्रभावों संबंधी तथ्य
1. तंबाकू रोकी जा सकने वाली मौत एवं बीमारियों का दुनिया का सबसे बड़ा कारण है।
2. प्रत्येक वर्ष दुनिया में 55 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तम्बाकू के कारण होती है।
3. प्रत्येक वर्ष भारत में 8 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तम्बाकू के कारण होती है। जो कि संयुक्त रूप से एड्स, टीबी एवं मलेरिया से होने वाली मौत से भी अधिक है।
4. प्रतिदिन भारत में 2200 लोग की मौत तम्बाकू सेवन से हो जाती है।
5. प्रत्येक 100 कैंसर मरीजों में से 40 मरीजों में कैंसर का कारण तम्बाकू होता है। मुख कैंसर के सभी मरीजों में से लगभग 95 प्रतिशत तंबाकू सेवन के होते हैं।
6. तम्बाकू के प्रयोग से स्ट्रोक, हार्ट अटैक, फेफड़ों के रोग, अंधापन एवं अन्य बीमारियां होतीं हंै।