ओडग़ी क्षेत्र के कालामांजन जंगल में बाघ के हमले में 2 युवकों की मौत के बाद दहशत का माहौल था। जंगल में संघर्ष के दौरान कुल्हाड़ी के वार से मादा बाघ भी घायल थी। वह जंगल में काफी भीतर छिपकर लेटी हुई थी। ड्रोन कैमरे की मदद से ली गई तस्वीर में बाघ की मौजूदगी वाली जगह पर मंगलवार की सुबह बिलासपुर से आई विशेषज्ञों की टीम पहुंची।
इस दौरान प्रशिक्षित कुमकी हाथी पर बैठकर टीम द्वारा उसे ट्रैंक्यूलाइज किया गया। टीम के कुछ सदस्य जेसीबी वाहन तथा कुछ लोग पेड़ पर भी चढ़े थे। बाघ के बेहोश हो जाने के बाद उसे स्ट्रेचर में ढोकर जंगल से बाहर लाकर पिंजरे में बंद किया गया।
बाघ के सिर पर है चोट के निशान
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुल्हाड़ी के वार से बाघ के सिर में चोट आई है। पिंजरे में कैद बाघ का विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद उसे पिंजरा सहित ट्रक में भरकर जंगल सफारी रायपुर ले जाया गया।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुल्हाड़ी के वार से बाघ के सिर में चोट आई है। पिंजरे में कैद बाघ का विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद उसे पिंजरा सहित ट्रक में भरकर जंगल सफारी रायपुर ले जाया गया।
बताया जा रहा है कि यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा घायल बाघ का संपूर्ण इलाज किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि बाघ बांधवगढ़ या संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से चलकर यहां पहुंचा था। बाघ के पकड़े जाने से सभी ने राहत की सांस ली है।
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ये हुआ था सोमवार की सुबह
गौरतलब है कि ग्राम कालामांजन निवासी समयलाल 32 वर्ष, कैलाश सिंह 35 वर्ष व राय सिंह 30 वर्ष सोमवार की सुबह करीब 6 बजे गांव से लगे जंगल में लकड़ी लेने गए थे। इस दौरान बाघ ने उनपर हमला कर दिया था। बाघ ने समयलाल को पंजे में दबाकर रखा था जबकि कैलाश व राय सिंह पर हमला कर रहा था।
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इधर जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 6-6 लाख रुपए मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को कलेक्टर दर पर नौकरी देने का आश्वासन दिया है।