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अंबिकापुर

नवरात्र में सजा माता रानी का दरबार, देवी मंदिरों में जगमगा उठे ज्योति कलश, उमड़े हजारों भक्त

शारदीय नवरात्र के पहले दिन हुई मां शैलपुत्री की पूजा, मां महामाया मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

अंबिकापुरOct 10, 2018 / 05:54 pm

rampravesh vishwakarma

Mahamaya mandir

Mahamaya mandir

अंबिकापुर. शारदीय नवरात्रि की शुरूआत बुधवार को विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुई। इसके साथ ही मंदिरों में ज्योति प्रज्जवलित करने और माता की आराधना के लिए भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। जगत जननी मां दुर्गा की आराधना बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना के साथ प्रारंभ हुई।
शहर के देवी मंदिरों में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। माता की एक झलक पाने के लिए सभी श्रद्धालु लालायित नजर आए। माता रानी के दरबार में मत्था टेकने का सिलसिला सुबह से देर रात तक चलता रहा।

शारदीय नवरात्र की शुरुआत बुधवार को भक्तिमय वातावरण में हुई। नवरात्रि के प्रथम दिवस माता के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की गई। शैलपुत्री का अर्थ पहाड़ों वाली माता होता है। माता के इस स्वरूप की पूजा से भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं। काफी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने मां के इस रूप की पूजा कर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की।
वहीं पहले दिन मां का खास श्रंृगार किया गया। दोपहर 11.30 बजे के बाद अभिजीत मुहूर्त में ज्योति कलश प्रज्जवलित की गई। महामाया मंदिर, समलाया मंदिर, मां दुर्गा शक्तिपीठ गांधी चौक, संत हरकेवल मंदिर, काली मंदिर, रघुनाथपुर मंदिर, शीतला मंदिर सहित शहर के सभी देवी मंदिरों में माता की आराधना करने श्रद्धालु पहुंचे। मंदिरों में देवी भागवत कथा, दुर्गा सप्तसति का पाठ व भजन-कीर्तन किया जा रहा है।
Jyoti kalash in Maa Mahamaya mandir
श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतार
मां के दर्शन के लिए सुबह से ही महामाया मंदिर सहित दुर्गा मंदिर, गौरी मंदिर व अन्य मंदिरों में श्रद्धालओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी। सुबह ३ बजे से नवरात्र के प्रथम दिवस हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेे। दोपहर में माता के मंदिर में मुख्य कलश स्थापित करने के बाद मंत्रोच्चारण के साथ ही विधिवत पूजन हुआ।
इसके बाद सैकड़ों ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए। माता के दरबार में ज्योत जलाकर भक्त मनौती पूरी होने की कामना करते नजर आए। सुबह 11 बजे सरगुजा रियासत व मां महामाया मंदिर के पुरोहित ने मंदिर में घट स्थापना कर अंबिकापुर की आराध्य मां महामाया की पूजा की। इस दौरान आम लोगों के लिए मंदिर का द्वार बंद कर दिया गया।
लगभग 1 घंटे बाद माता का दरबार खुला और लोगों ने दर्शन किए। इसके बाद विधिवत पूजा-अर्चना कर मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किया गया।


सरगुजा महाराज करेंगे शाही पूजा
महामाया मंदिर के पुजारी रामू पाठक ने बताया कि रियासतकालीन परम्परा के अनुसार महाअष्टमी को सुबह 5 बजे से 9 बजे तक आम नागरिकों के लिए महामाया मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा।
इस दौरान राजसी परम्परा के अनुसार सरगुजा रियासत के वर्तमान महाराज टीएस सिंहदेव व सरगुजा राजपरिवार के सदस्य महामाया मंदिर में मांकी विशेष श्रंृगार करने के साथ उनकी शाही पूजा करेंगे। पूजा समाप्त होने के बाद महामाया मंदिर का पट आम नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा।

पंडालों में भी विराजीं मां
शहर के विभिन्न समितियों द्वारा नौ दिनों तक मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। प्रथम दिवस जयस्तंभ चौक, ब्रम्ह रोड, सदर रोड, दर्रीपारा, सांड़बार बैरियर के समीप, मायापुर, चांदनी चौक, विभिन्न जगहों पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद मंत्रोच्चारण के साथ माता की प्रतिमा स्थापित की गईं।

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