उनकी पूरी शिक्षा जम्मू में ही हुई है और वे एमए एवं बीएड डिग्रीधारक हैं। कर्नल जितेंद्र डोगरा कारगिल के ऑपरेशन विजय, नागालैंड में ऑपरेशन आर्किड तथा ऑपरेशन विजय स्टार जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भाग ले चुके थल सेनाधिकारी हैं। सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में प्राचार्य का पद भार संभालने से पूर्व वे वर्ष 2013 से 2016 तक सैनिक स्कूल पुंगलवा (नागालैण्ड) में हेडमास्टर पद पर कार्य कर चुके हैं।
1998 में इंडियन मिलिटरी अकादमी से कमीशन प्राप्त कर्नल जितेन्द्र डोगरा ने विभिन्न कोर्स सफलता से पूर्ण किए हैं। अपने बीस वर्ष लम्बे सेवा काल में इन्होंने इंडियन मिलिटरी अकादमी, देहरादून, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे तथा ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में अनुदेशक पद पर तथा ब्रिगेड अरूणाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं।
कर्नल डोगरा कारगिल में ऑपरेशन विजय, नागालैण्ड में ऑपरेशन आर्किड तथा ऑपरेशन विजय स्टार जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भाग ले चुके प्रतिष्ठित थल सेनाधिकारी हैं। सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में प्राचार्य का पद भार संभालने से पूर्व वे वर्ष 2013 से 2016 तक सैनिक स्कूल पुंगलवा (नागालैण्ड) में हेडमास्टर पद पर कार्य कर चुके हैं।
यहां आने से पहले वे इंडियन मिलिटरी अकादमी देहरादून में पिछले दो वर्षों से सीनियर कर्नल अनुदेशक जैसे उच्च पद पर आसीन रह चुके हैं।
प्रथम थल सेनाधिकारी जो यहां हुए पदस्थ
वे सैनिक स्कूल अम्बिकापुर के प्राचार्य का पदभार संभालने वाले थल सेना के प्रथम अधिकारी हैं। कर्नल डोगरा ने बताया कि कैडेटों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं कैडेटों का राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश उनकी प्रथम वरीयता होगी तथा वे सभी के सहयोग से सैनिक स्कूल अम्बिकापुर की स्वर्णिम सफल और परम्पराओं को नए शिखर तक ले जाने का प्रयास करेंगे।