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अंबिकापुर

Surguja School condition: कलेक्टर साहब! जरा इधर भी तो नजर फेरिए, छप्पर के नीचे 16 बच्चे पढऩे को हैं विवश

Surguja School condition: लुंड्रा विकासखंड के चितालाता गांव स्थित प्राइमरी स्कूल की हालत देखने लायक नहीं, स्कूल बिल्डिंग की जगह छप्पर के नीचे होती है पढ़ाई

अंबिकापुरAug 30, 2024 / 05:57 pm

rampravesh vishwakarma

Surguja school condition
अंबिकापुर. Surguja School condition: कलेक्टर साहब! जरा इन नौनिहालों पर भी नजर डालिए, जहां स्कूल भवन जर्जर होने के कारण खुले आसमान में खस्ताहाल छप्पर (Surguja School condition) के नीचे पढऩे मजबूर हैं। जरा इन बच्चों के साथ भी मध्यान्ह भोजन का लुत्फ उठाइए, जहां उन्हें पोषण युक्त भोजन नहीं मिल रहा है। हम बात कर रहे हैं लुंड्रा विकासखंड के चितालाता स्कूल की। यह स्कूल अति जर्जर हो जाने के कारण बंद करा दिया गया है।
बच्चे स्कूल के पास ही छप्पर के नीचे (Surguja School condition) बारिश के दिनों में पढऩे को मजबूर हैं। ये मजबूरी इस कदर हावी है कि अधिक बारिश होने के कारण बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है। विभागीय उदासीनता के कारण बच्चे अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
Surguja school condition
सरगुजा में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। कई स्कूल भवन काफी जर्जर हो चुके हैं। अति जर्जर स्कूल भवनों को विभाग द्वारा डिस्मेंटल (Surguja School condition) करा दिया गया है या उक्त स्कूल भवनों में स्कूल संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। जर्जर स्कूल भवन की श्रेणी में अधिकांश प्राइमरी स्कूल ही हैं, जिसमें नौनिहाल प्राइमरी ज्ञान अर्जित करते हैं।
Surguja school condition
इसे बुनियादी जानकारी कहते हैं। जीवन भर यह ज्ञान काम आता है। 80 ऐसे प्राइमरी स्कूल हैं जो जर्जर हो जाने के कारण बच्चों की पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पा रही है। बच्चे जैसे-तैसे जर्जर आंगनबड़ी, पंचायत भवनों या जर्जर शेड के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
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Surguja School condition: बारिश होने पर बच्चों की कर दी जाती है छुट्टी

लुंड्रा विकासखंड अंतर्गत चितालाता प्राइमरी स्कूल खस्ताहाल (Surguja School condition) है। स्कूल भवन की दीवार जर्जर हो चुकी है। छत भी नहीं है। ऐसे हालात में स्कूल के पास छप्पर के नीचे क्लास का संचालन किया जा रहा है। बारिश होने पर स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है।
Surguja school condition
ऐसे में बच्चे केवल मध्यान्ह भोजन करते हैं और घर चले जाते हैं। स्कूल भवन की कमी व विभागीय उदासीनता के कारण नौनिहाल अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। यह स्कूल कक्षा पहली से पांचवीं तक है। जहां बच्चों की संख्या मात्र 16 है।
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कलेक्टर लगातार कर रहे स्कूलों का नरीक्षण

जिले की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कलेक्टर लगातार ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं। लेकिन ऐसे स्कूलों तक कलेक्टर साहब नहीं पहुंच पा रहे हैं जहां बच्चे जर्जर शेड (Surguja School condition) के नीचे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
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पहाड़ी कोरवाओं के बच्चों के लिए स्कूल

चितालाता में प्राइमरी स्कूल पहाड़ी कोरवाओं के बच्चों के लिए खोला गया है ताकि विशेष संरक्षित जनजाति के बच्चे भी अच्छी शिक्षा लेकर आगे बढ़ सकें।
Surguja school condition
लेकिन धरातल में ऐसा दिख नहीं रहा है इस कारण अभिभावक परेशान है। अभिभावकों को अपने बच्चों का भविष्य अंधकार (Surguja School condition) में नजर आ रहा है।

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