आईजी (Surguja IG) ने आरक्षक के मैसेज को गंभीरता व मानवीय आधार पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए आधे घंटे के अंदर तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अटैच किया जाता है; का सीधा आदेश जारी कर दिया।
व्हाट्सएप मैसेज में आरक्षक ने लिखा था- सर मैं बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में पदस्थ आरक्षक क्रमांक 132 सुयश पैकरा हूं, मैं यहां डिप्रेशन में हूं। मेरे पिता एएसआई थे, जिनका निधन हो चुका है। मां का ऑपरेशन हुआ है और दो छोटे भाई हैं जिनका भविष्य भी निश्चित नहीं है। मैंने कई बार स्थानांतरण के लिए आवेदन दिया, पर कुछ नहीं हुआ।
मेरी विनती है या तो मुझे स्थानांतरित करा दीजिए या अपने कार्यालय में अटैच कर दीजिए, ताकि मां की देखभाल और छोटे भाइयों को व्यवस्थित कर दूं। (Surguja IG) आदरणीय सर मैं अपना सबसे शानदार काम करके दूंगा, मैं आभारी रहूंगा। मुझे आपसे उम्मीदें हैं। आईजी ने आरक्षक के मैसेज को गंभीरता व मानवीय आधार पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए आधे घंटे के अंदर तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक सरगुजा में अटैच किया जाता है का सीधा आदेश जारी कर दिया।
मेरे पास शुक्रिया के लिए भी शब्द नहीं है
आरक्षक ने कहा कि मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि ऐसी त्वरित राहत मिलेगी, मैं कभी आईजी (Surguja IG) साहब से मिला ही नहीं हूं और मैं बेहद ज्यादा अवसाद में था। कई आवेदनों पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो आखिरी उम्मीद के रूप में मैसेज कर दिया था। मेरे पास शुक्रिया के लिए भी शब्द नहीं है। बहुत-बहुत आभार, मां की बेहतर देखभाल कर पाऊंगा।