मैनपाट के ग्राम सुपलगा में मंगलवार की दोपहर गरज-चमक के साथ अचानक आकाशीय बिजली गिर गई थी। इसकी चपेट में बनवारी मझवार आ गया था। इससे वह गंभीर रूप से झुलस कर बेहोश (Superstition) हो गया था।
घरवालों को यह बात पता चली तो उसे मौके से उठाकर घर के पास ले आए और आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाने के बजाय गोबर से भरे गड्ढे में गाड़ (Superstition) दिया। करीब डेढ़ घंटे तक उसे गोबर में ही गाड़े रखा गया। उसका सिर सिर्फ ुउन्होंने ऊपर छोड़ा था।
Superstition: मृत व्यक्ति भी हो जाता है जिंदा
दरअसल गांवों में आज भी यह मान्यता (Superstition) है कि आकाशीय बिजली से झुलसे लोगों को गोबर में गाड़ देने से बिजली का प्रभाव कम हो जाता है। यहां तक कि मृत व्यक्ति भी जिंदा हो जाता है। इसी मान्यता के अनुसार उन्होंने घायल बनवारी मझवार को गोबर से भरे गड्ढे में डालकर उसके शरीर पर लेप लगा दिया था। ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग इसे ट्रिक (Superstition) को अपनाते हैं। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने से कई लोगों की मौत भी हो जाती है।
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युवाओं ने भिजवाया अस्पताल
आकाशीय बिजली की चपेट में आकर बनवारी के घायल (Superstition) होने की खबर जब गांव के कुछ युवाओं को लगी तो उन्होंने तत्काल 108 में कॉल कर एंबुलेंस बुलवाया। इसके बाद उसे गोबर से निकालकर कमलेश्वरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। उन्होंने युवक के परिजनों को समझाइश दी कि ये सब पुरानी मान्यता (Superstition) है। इसके चक्कर में उसकी जान जा सकती थी। फिलहाल युवक का इलाज जारी है।