महूडांड निवासी रोजा कुजूर पिता धनीराम कुजूर 28 वर्ष 16 जून की रात खाना खाकर अपनी मां मनेश्वरी के साथ सो रही थी। रात लगभग 2 बजे रोजा को जहरीले सांप ने काट लिया। कुछ काटने का एहसास होने पर वह बगल में सो रही मां को बताई कि उसे कुछ काटा है।
मनेश्वरी अपने बेटे रोहित कुजूर को उठाई, जब वह कमरे में पहुंचा तो बाएं कंधे के पास करैत सांप द्वारा डस लिए जाने का निशान मिला। इसके बाद युवती को बोलेरो वाहन से लेकर वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर पहुंचे, यहां से प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया गया।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर पहुंचते तक वह दम तोड़ चुकी थी। अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और इसकी सूचना पुलिस सहायता केंद्र में दी थी।
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झाडफ़ूंक के लिए मांगा शव तो पुलिस ने किया मनामृतिका (Snake bite girl) के परिजनों ने शव को मरच्यूरी में रखवा दिया था। सुबह मृतिका का पोस्टमार्टम किया जाना था। पुलिस परिजनों का बयान दर्ज करने की तैयारी में थी, इसी बीच परिजन ने साथ आए बैगा से झाडफ़ूंक कराने की बात कही।
पुलिस इसके लिए राजी नहीं हुई और बिना समय गंवाएं शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की समझाइश दी। फिर भी अंधविश्वास में पड़े स्वजनों को उम्मीद थी कि बैगा मर चुकी युवती के शरीर में जान वापस ला देगा। बहरहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों के सुपुर्द कर दिया है।