बच्चे को जन्म देते ही प्रसूता महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है, इस दौरान सीताफल के जड़ का चूर्ण चमत्कारिक फायदा पहुंचाता है।
आयुर्वेद के अनुसार सीताफल का प्रयोग एक-दो नहीं बल्कि अनेक रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है। सीताफल का इस्तेमाल कफ दोष को ठीक करने के लिए, खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए, उल्टी, दांतों के दर्द से आराम पाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इसका प्रयोग अन्य रोगों में भी होता है।
आयुर्वेद के अनुसार सीताफल का प्रयोग एक-दो नहीं बल्कि अनेक रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है। सीताफल का इस्तेमाल कफ दोष को ठीक करने के लिए, खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए, उल्टी, दांतों के दर्द से आराम पाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इसका प्रयोग अन्य रोगों में भी होता है।
सीताफल के ये हैं 10 फायदे
1. सीताफल के तने का काढ़ा बना लें और इसे 15-30 मिली मात्रा में पिएं, इससे दस्त पर रोक लगती है।
2. मां बनने के तुरंत बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में प्रसूताओं को यह फायदा पहुंचाता है। महिलाएं 1-2 ग्राम शरीफा की जड़ के चूर्ण का सेवन करे। इससे प्रसूता संबंधित विकार में लाभ होता है।
4. यदि ठंड के साथ या सर्दी के साथ बुखार आता है तो सीताफल के पत्तों का नमक के साथ पेस्ट बनाकर खाएं। इससे बुखार उतर जाता है।
6. आजकल कफ होना एक आम बात हो गई है। सीताफल (Sharifa) के तने को चबाने से सर्दी-जुकाम या कफ में आराम मिलता है।
7. गांठ की बीमारी में भी सीताफल फायदा पहुंचाता है। इसके फल को कूटकर नमक का पेस्ट बना लें तथा गांठ पर लगाएं।
8. मधुमेह की बीमारी वाले लोग भी सीताफल का फायदा ले सकते हैं। सीताफल के पत्तों का एक से तीन ग्राम चूर्ण बनाकर खाने से इस बीमारी में लाभ मिलता है।
10. हिस्टीरिया बीमारी से ग्रसित लोग यदि सीताफल के पत्ते का रस नाक में डाले तो काफी लाभ होता है।