scriptSECL ने बनाया ऐसा टेक्नोलॉजी ड्रोन… इमरजेंसी में पहुंचाएगा खाना-दवाई, इन चीजों में करेगी मदद | SECL created drone technology, food and medicine in emergency | Patrika News
अंबिकापुर

SECL ने बनाया ऐसा टेक्नोलॉजी ड्रोन… इमरजेंसी में पहुंचाएगा खाना-दवाई, इन चीजों में करेगी मदद

SECL Technology : साउथ इंडियन कोल्डफील्ड (एसईसीएल) माइंस में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग की संभावनाएं तलाशने और रिसर्च करने आईआईटी रुड़की की एक्सपर्ट टीम पहुंची है।

अंबिकापुरDec 10, 2023 / 11:44 am

Kanakdurga jha

drone_1.jpg
योगेश चंद्रा

SECL Technology : साउथ इंडियन कोल्डफील्ड (एसईसीएल) माइंस में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग की संभावनाएं तलाशने और रिसर्च करने आईआईटी रुड़की की एक्सपर्ट टीम पहुंची है। टीम ने दो दिनों तक हसदेव एरिया के राजनगर ओपन माइंस और आमाडांड़ में रुड़की के लैब में निर्मित ड्रोन का परीक्षण भी किया गया है।
टीम ने ओपन कास्ट खदानों में स्टॉक मेजरमेंट को लेकर आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए एक सस्ता और घरेलू ड्रोन बनाने का काम शुरू किया है। इसकी मदद से कोई भी सर्वेयर अपने ऑफिस में बैठकर खदान के किसी भी भाग में ड्रोन को भेज कर कोयले, ओवरबर्डन के स्टॉक का किसी भी समय मेजरमेंट ले सकता है। यही नहीं आपातकाल में ड्रोन दवाइयां और खाना पहुंचाने में भी मददगार होगा।
यह भी पढ़ें

Ayodhya Ram Mandir : 500 सालों का इंतजार अब खत्म… रामलला के प्रतिष्ठा पर छत्तीसगढ़ में आया पीले चावल का कलश



ये हैं एक्सपर्ट

आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर एवं रोबोटिक्स विशेषज्ञ डॉ. पुष्पराज मणि पाठक के नेतृत्व में तीन सदस्यों ने जायजा लिया। उनके सहयोगी डॉ. आशीष गुप्ता, रिसर्च स्कॉलर जुनून शाबान शामिल हैं।
काम हो जाएगा आसान

ओपन कास्ट कोयला खदानों में ओवरबर्डन तथा कोयले के स्टॉक को नापने के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से काफी सहूलियत होगी। वर्तमान में ओवरबर्डन, कोयले के स्टॉक को नापने के लिए थ्रीडी एसएलआर तकनीक का इस्तेमाल होता है। जिसकी अपनी कुछ सीमाएं है।
यह भी पढ़ें

CG Politics : मुख्यमंत्री कौन होगा?… बघेल ने भाजपा को मारा ताना, बोले – CM का चेहरा तय नहीं पा रही भाजपा



एमसीएल ने अपना लिया है ड्रोन टेक्नोलॉजी

जानकारी के अनुसार अभी तक महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने ड्रोन और जमीनी स्तर की नियंत्रण प्रणाली के साथ कोयला खदानों में ड्रोन तकनीक की शुरुआत कर चुकी है।
ये भी होगा फायदा

माइंस में ब्लास्टिंग के दौरान छिटकने वाली चट्टानों पर नजर रखी जा सकती है। सरफेस में कार्य कर रही मशीनों तक किसी प्रकार का सामान भी पहुंचाया जा सकता है। आपातकाल में लोगों तक दवाइयां या खाने-पीने की चीजें भी ड्रोन से पहुंचा सकते हैं।रोबोटिक्स विशेषज्ञ डॉ.पाठक के नेतृत्व में हमारी टीम पहुंची थी। इस दौरान आईआईटी रुड़की लैब में निर्मित ड्रोन का परीक्षण भी किया गया। माइंस में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से कई कार्यों में बहुत मदद मिल सकती है।
– डॉ. आशीष गुप्ता, सदस्य रोबोटिक्स टीम आईआईटी रुड़की

Hindi News / Ambikapur / SECL ने बनाया ऐसा टेक्नोलॉजी ड्रोन… इमरजेंसी में पहुंचाएगा खाना-दवाई, इन चीजों में करेगी मदद

ट्रेंडिंग वीडियो

loader
Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.