अंबिकापुर. सूरजपुर कलक्टर रणबीर शर्मा (Surajpur Collector Ranbeer Sharma) ने दादी के कोविड इलाज का बिल पटाने जा रहे युवक का मोबाइल तोड़कर थप्पड़ जड़ दिया था। इस मामले में उनकी काफी आलोचना हुई और सीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया।
कलक्टर (Surajpur Collector) के थप्पड़ मारने के तत्काल बाद भैयाथान एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत (Bhaiya SDM) ने भी पुलिसकर्मी से डंडा मरवाने के बाद एक नवयुवा को थप्पड़ मार दिया, यही नहीं, उससे जबरन उठक-बैठक भी कराई।
युवक उन्हें बताता रहा कि वह मेडिकल के काम से निकला है लेकिन एसडीएम ने उसकी एक न सुनी। कलक्टर की तो यहां से छुट्टी कर दी गई लेकिन एसडीएम के इस कृत्य के लिए उन पर कब कार्रवाई की जाएगी?
सूरजपुर के प्रशासनिक अधिकारियों ने 22 मई को जिले की छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेगुनाह युवक को थप्पड़ जड़कर सूरजपुर पर दाग लगाने वाले कलक्टर का सीएम ने स्थानांतरण तो तत्काल कर दिया लेकिन अब सोशल मीडिया पर इस बात की भी आलोचना हो रही है कि कलक्टर को मंत्रालय में संयुक्त कलक्टर बना दिया गया।
उनकी सर्विस बुक पर कोई आंच नहीं आई। कलक्टर के थप्पड़ मारने के तत्काल बाल सूरजपुर जिले के भैयाथान एसडीएम ने भी वहां से गुजर रहे रहे एक युवक को रुकवाकर पहले तो पुलिसकर्मियों से डंडे से पिटवाया।
इसके बाद खुद उसे थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद उससे जबरन उठक-बैठक कराई। इसका भी वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। लोग एसडीएम के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
अधिकारियों को मारने का हक नहीं इस संबंध में अधिवक्ता मनोज सिंह ने बताया कि किसी भी अधिकारी को शासकीय पद पर रहते हुए कानूनन आम जनता को मारने का हक नहीं है, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न बैठा हो।
इस प्रकार से पद का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक या पुलिस अधिकारियों पर सरकार की अनुशंसा पर ही एफआईआर हो सकती है लेकिन ऐसे मामलों में उन्हें छूट नहीं दी जा सकती है।
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