सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा निवासी दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा की फिल्मी स्टाइल में हत्या (Sandeep murder case) कर दी गई है। लगभग 3 महीने बाद मैनपाट के लुरैना के बडक़ापारा स्थित पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे दफन मिली। वह राजमिस्त्री था तथा सीतापुर क्षेत्र के ग्राम उलकिया में सरकारी भवन के काम में लगा था।
इसी बीच वह 7 जून 2024 को लापता हो गया था। ठेकेदार सीतापुर निवासी अभिषेक पांडेय ने ने छड़ चोरी का आरोप लगाकर अपने अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर संदीप के साथ बेदम मारपीट (Sandeep murder case) की थी। मारपीट से गंभीर चोट लगने के कारण 8 जून की सुबह उसकी मौत हो गई थी।
आरोपियों ने साक्ष्य छिपाने व पकड़े जाने के डर से उसका शव पिकअप में लादकर मैनपाट के ग्राम लुरैना बडक़ापारा ले गए। यहां अभिषेक पांडेय का नल-जल योजना का काम चल रहा था, जिसमें पानी टंकी का निर्माण कार्य चल रहा था। यहां टंकी के लिए नींव खोदी जा चुकी थी। ठेकेदार ने उसी नींव में संदीप का शव (Sandeep murder case) डालकर फाउंडेशन तैयार किया। फिर उसके ऊपर पानी टंकी का निर्माण करा दिया था।
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Sandeep murder case: मुंबई व गोवा में पुलिस कर रही थी तलाश
पुलिस संदीप को जीवित समझकर उसकी तलाश कर रही थी। उसका मोबाइल लोकेशन मुंबई, गोवा व कर्नाटक बता रहा था। पुलिस लोकेशन के आधार पर करीब 7 दिनों तक मुंबई में तलाश करती रही, लेकिन वहां कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस संदीप व आरोपियों की तलाश में गोवा (Sandeep murder case) तक गई थी। सफलता नहीं मिलने पर पुलिस स्थानीय स्तर पर ही विवेचना कर रही थी।संदेहियों सें सख्ती से पूछताछ की तो खुला राज
एसपी योगेश पटेल ने बताया कि मामले में संदेही (Sandeep murder case) के रूप में जशपुर जिले के पत्थलगांव निवासी प्रत्यूष पांडेय, गुड्डू निवासी बिहार, तुलेश्वर निवासी सीतापुर व शैल शक्ति निवासी ओडिशा को हिरासत में लिया गया था। ये सभी ठेकेदार अभिषेक पांडेय के कर्मचारी हैं। पुलिस ने इनसे सख्ती से पूछताछ की तो बताया कि राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप की 7 जून की रात उन्होंने जमकर पिटाई की थी। फिर उसे अपने पास ही रखा था। 8 जून की सुबह उसकी मौत हो गई थी। उन्होंने मौत के बाद लाश को पानी टंकी की नींव में डालकर पानी टंकी का निर्माण कराने की बात स्वीकार की।
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आरोपियों ने संदीप के जिंदा होने की उड़ाई थी अफवाह
एसपी ने बताया कि घटना (Sandeep murder case) में 6 आरोपी नामजद हैं। इसमें प्रत्यूष पांडेय, गुड्डू, तुलेश्वर व शैल शक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं ठेकेदार अभिषेक पांडेय व उसका कार ड्राइवर राजू अभी भी फरार है। एसपी ने बताया कि आरोपियों ने बड़े ही शातिर तरीके से घटना को अंजाम दिया था। घटना को अंजाम देने के बाद परिजन द्वारा विरोध करने व आक्रोश को देखकर बीच में आरोपियों ने अफवाह फैलाई थी कि संदीप किसी अन्य व्यक्ति के साथ देखा गया है। वहीं आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद सामान्य रूप से अपने-अपने कामों में लगे हुए थे।
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महिला आरक्षक को पकडक़र रोने लगी पत्नी
लगभग 3 माह से लापता पति (Sandeep murder case) की कंकाल देखने के बाद पत्नी को सब्र का बांध टूट गया। वह दहाड़ मारकर रोने लगी। इस दौरान मौके पर उपस्थित एक महिला आरक्षक ने उसे संभाला। मृतक की पत्नी महिला आरक्षक के गले लगकर विलाफ करने लगी। वहीं इस घटना से आदिवासी समाज में आक्रोश है। समाज के लोगों का कहना है कि पुलिस हमलोगों को गुमराह करती रही। पुलिस आरोपियों के दबाव में आकर एफआईआर तक दर्ज करना नहीं चाह रही थी। काफी विरोध के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।