सीएम के नाम लिखे गए पत्र में सर्व आदिवासी समाज ने कहा है संदीप का शव 75 दिन बाद मिला है। उन्होंने एसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच कराने तथा तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की मांग की है। उन्होंने मृतक संदीप लकड़ा (Sandeep murder case) की पत्नी सलीमा लकड़ा को शासकीय नौकरी देने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय के निजी खाते से आहरित करोड़ों रुपए का उपयोग इस प्रकरण को दबाने में इस्तेमाल किया गया है। इसकी जांच कर संबंधितों के ऊपर एफआईआर दर्ज किया जाए।
उन्होंने कहा है कि सीएम स्वयं एक आदिवासी समाज से आते हैं। एक आदिवासी समाज के लडक़ी जघन्य हत्या कर उसे पानी टंकी के नीचे फाउंडेशन में दफन कर दिया गया। इसमें शामिल मुख्य आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी हो।
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मुख्य आरोपी के मकान पर बुलडोजर चलाने की मांग
सर्व आदिवासी समाज ने प्रकरण (Sandeep murder case) के शुरुआती दौर के विवेचक रामचंद्र राय को इस मामले में सह अभियुक्त बनाने की मांग की है। वहीं उन्होंने कहा है कि मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय का मकान बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया जाए।सीतापुर थाना छावनी में तब्दील
संदीप हत्याकांड (Sandeep murder case) के बाद से आदिवासी समाज में आक्रोश है। उनके द्वारा थाने का घेराव किए जाने की भी खबर है। बलौदाबाजार हिंसा को देखते हुए सीतापुर थाने में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। यह भी पढ़ें
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Sandeep murder case: ये है मामला
सरगुजा जिले के सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा की ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने अपने 5 कर्मचारियों के साथ मिलकर 7 जून की रात बेदम पिटाई की थी। 8 जून की सुबह उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद आरोपियों ने उसे मैनपाट के लुरैना बरवापाट स्थित नल-जल योजना के तहत बन रहे ओवरहेड टैंक के नीचे फाउंडेशन बनाकर कांक्रीट कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर 6 सितंबर को दफन शव को बरामद किया था।