इसका प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों में टीके को लेकर फैली तरह-तरह की अफवाह है। मुनादी से लेकर डोर-टू-डोर संपर्क के बावजूद अफवाहों के फेर में पड़े ग्रामीण टीकाकरण हेतु केंद्रों में नहीं पहुंच रहे हैं और स्वास्थ्य कर्मचारी दिन भर खाली बैठे रह रहे हैं।
लखनपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत खुटिया सहित आसपास के गांवों में कुछ लोगों भ्रामक अफवाह फैलाई जा रही है। इस कारण लोग अब न तो जांच करा रहे हैं और न ही टीका लगवा रहे हैं। अफवाहों (Rumor) के फेर में पड़े लोगों का कहना है कि कोरोना जांच में पॉजिटिव (Corona positive) निकालकर 14 दिन कैद कर दिया जाता है और टीका लगवाने से शरीर को नुकसान पहुंचता है।
जांच में कोरोना निकाल कर इलाज हेतु बड़े अस्पताल भेज दिया जाता है जिसके लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं, हम गांव के लोग मेहनत-मजदूरी, गरीबी में गुजर-बसर करते हैं, इतने में ही खुश हैं।
डॉक्टर की पड़ताल में सामने आईं ये बातें
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुमगराकला प्रभारी डॉ. आरके शुक्ला ने बताया कि बीते बुधवार को खुटिया सरपंच को बोलकर पूरे गांव में गुरुवार को आयोजित टीकाकरण कैंप के संबंध में मुनादी कराई गई थी, लेकिन गुरुवार को टीकाकरण हेतु एक भी व्यक्ति नहीं पहुंचे।
फिर हमने गांव के लोगों से कारण मालूम करने की कोशिश की तब वे मोबाइल पर वैक्सीन लगवाने को लेकर आए भ्रामक मैसेज दिखाने लगे। इसमें बांझपन से लेकर नपूंसकता की बातें लिखी हुई थीं। लोग कहने लगे कि अब मर भी जाएंगे लेकिन टीका नहीं लगाएंगे।
लोगों को समझाया फिर भी नहीं लगवा रहे टीका
मैंने गांव के सभी पंच, मितानिन और आंबा कार्यकर्ता के साथ लोगों को जांच और टीका लगवाने हेतु कई बार समझाइश दी, लेकिन वे स्वास्थ्य केंद्र नहीं आ रहे। इसकी जानकारी जनपद सीईओ को कई बार दे चुकी हूं। अब गांव में प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर समझाइश दी जाए, तभी कोई हल निकलेगा।
मनमतिया सिंह कुरूम, सरपंच, खुटिया