बताया जा रहा है की एसईसीएल बिश्रामपुर द्वारा रेहर, गायत्री, केतकी भूमिगत खदान व आमगांव खुली खदान परियोजना से बिश्रामपुर साइडिंग तक कोयला परिवहन हेतु तीन दशक पूर्व इस मार्ग पर डामरीकृत सडक़ व रेंड पर भारी भरकम पुल का निर्माण कराया था।
एकांगी मार्ग होने से अक्सर होने वाले सडक़ दुर्घटनाओं सहित खदानों के विस्तार व उत्पादन बढ़ाने खदानों में सीएम मशीन स्थापना के बाद तेजी से होने वाले कोयला उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुए इस मार्ग के चौड़ीकरण की आवश्यकता महसूस की जाने लगी थी। कंपनी प्रबंधन ने क्षेत्रीय प्रबंधन की मांग पर बिश्रामपुर एनएच 43 केशवनगर से आमगांव खदान तक 22.40 किलोमीटर सडक़ डामरीकरण सह चौड़ीकरण की मंजूरी प्रदान किए जाने के बाद अब इसका तेजी से निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी द्वारा शुरू किया गया है।
वर्तमान में उक्त सडक़ 3.3 मीटर चौड़ी है जिसे अब बढ़ाकर 7.5 मीटर किया जा रहा है जिसमें डामर की परत चढ़ी होगी इसके अतिरिक्त सडक़ के दोनो छोर पर दो-दो मीटर सोल्डर रहेगा। इस प्रकार कुल सडक़ की चौड़ाई ११.५ मीटर होगी।इस कार्य को ठेकेदार को एक साल के भीतर पूर्ण करने का समय दिया गया है।वर्तमान में गायत्री खदान छोर से लगभग सवा किलोमीटर कार्य पूरा किया जा चुका है।
दर्जन भर गांव के लोगों को होगा लाभ
सडक़ चौड़ीकरण के कार्य की मंजूरी मिल जाने के बाद दर्जन भर गांव के ग्रामीणों को इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा। वहीं सडक़ निर्माण प्रबंधन के लिए चुनौती होगी। दरअसल इस मार्ग के चौड़ीकरण के लिए मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त तो कर ली है लेकिन आए दिन ग्रामीणों की अड़ंगेबाजी के कारण प्रबंधन परेशान है। सडक़ के बाजू में शासकीय भूमि पर ग्रामीणों ने कब्जा किया हुआ है। अब सडक़ निर्माण में उक्त भूमि फंसने से ग्रामीण विवाद पर उतारू हैं। प्रबंधन द्वारा मौके पर राजस्व अमले को बुलाकर निराकरण करने के बाद भी विवाद की स्थिति कुछ लोगों द्वारा निर्मित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।