शहर के गंगापुर में समाज कल्याण विभाग द्वारा मंदबुद्धि आवासीय विद्यालय संचालित है। यहां के बच्चों के लिए आउट सोर्सिंग के माध्यम से मेस का संचालन (Rigorous imprisonment) किया जाता है। वर्ष 2018 में मेस संचालन की अनुमति के लिए लोगों से आवेदन मंगाए गए थे।
इसी बीच मंद्धबुद्धि आवासीय विद्यालय में पदस्थ प्रशिक्षित शिक्षक नारायण सिंह सिदार ने अपने परिचित शहर से लगे ग्राम सोनपुरकला निवासी अंचल विश्वकर्मा को भी आवेदन करने कहा। उसने आश्वासन दिया कि उसे यह ठेका मिल जाएगा। इसके बदले शिक्षक ने 30 हजार रुपए की डिमांड की थी। अंत में सौदा 20 हजार में तय हो गया था।
यह भी पढ़ें
Teacher viral video: शिक्षक का संडे, मंडे पढ़ाते Video वायरल, देखकर आ जाएगा गुस्सा, कहेंगे इसे टीचर किसने बनाया?
एसीबी से की मामले की शिकायत
इधर अंचल विश्वकर्मा ने मामले की शिकायत एसीबी से की। जांच में आरोप सही साबित होने के बाद एसीबी के अधिकारियों ने शिक्षक को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार (Rigorous imprisonment) करने का प्लान बनाया। 20 सितंबर 2018 को एसीबी के डीएसपी एसपी कोसरिया व अजितेश सिंह के नेतृत्व में टीम कलेक्टोरेट परिसर पहुंची।Rigorous imprisonment: रुपए लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार
एसीबी की टीम ने केमिकल लगे 10 हजार रुपए बतौर एडवांस देने अंचल विश्वकर्मा को समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में भेजा। छुट्टी का दिन होने की वजह से शिक्षक नारायण सिंह सिदार जिला पंचायत कार्यालय के पास ही मिल गया। यहां अंचल ने उसे 10 हजार रुपए दिए। रुपए लेकर उसने अपनी बाइक की डिक्की में रखे ही थे कि पहले से मौजूद एसीबी की टीम ने उसे गिरफ्तार (Rigorous imprisonment) कर लिया था।
यह भी पढ़ें
CG ACB Raid: Breaking News: एसीबी ने जूनियर पासपोर्ट असिस्टेंट ऑफिसर को रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार, See Video…
जमानत पर था आरोपी, मिली 4 साल की सजा
एसीबी की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस दौरान 66 दिनों तक आरोपी जेल में रहा। इसके बाद उसे जमानत मिल गई थी। अब तक वह जमानत पर ही था। 6 साल तक चले इस मामले में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अंबिकापुर ममता पटेल ने शनिवार को आरोपी को 4 वर्ष के कठोर कारावास (Rigorous imprisonment) की सजा सुनाई है।