15 मार्च को राज्य शासन द्वारा संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुल सचिव विनोद एक्का स्थानांतरण आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय रायपुर कर दिया गया है। वहीं इनके स्थान पर सहायक प्राध्यापक सामाज शास्त्र शासकीय नवीन महाविद्यालय जनकपुर मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी को प्रभारी कुलसचिव प्रतिनियुक्ति दी गई है। स्थानांतरण के बाद भी रविवार को अवकाश के दिन कुलसचिव विनोद एक्का विश्वविद्यालय पहुंचे।
अपने कक्ष में फाइलों को खंगाला। कुछ कर्मचारियों ने स्थानांतरित कुलसचिव के कार्यालय आकर फाइलों को देखने व उनमें हेर फेर करने का प्रयास करने की जानकारी कुलपति को दिए जाने के बाद कुलपति भी विश्वविद्यालय पहुंच गए। इस दौरान विश्वविद्यालय में छुट्टी के दिन भी गहमागहमी बनी रही।
कुलसचिव ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को लिखा पत्र
कुलसचिव विनोद एक्का ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने मार्गदर्शन मांगा है कि मेरा स्थानांतरण राज्य शासन द्वारा संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय से आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय भवन रायपुर कर दिया गया है। यह आदेश 15 मार्च को जारी किया गया है।
मुझे व्हाट्सएप के माध्यम से 16 मार्च की शाम करीब 4 बजे मिला है। इस दौरान आचार संहिता लागू हो गई थी। वर्तमान में विश्वविद्यालय की परीक्षा चल रही है। कुल सचिव ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर कार्यमुक्त के संबध में मार्गदर्शन मांगा है।
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पदभार सौंपने के लिए फाइलों की कर रहा था लिस्टिंग
कुल सचिव विनोद एक्का ने बताया कि मुझे स्थानांतरण की जानकारी 16 मार्च की शाम करीब 4 बजे मिली है। मैनें रात 10 बजे के आस पास प्रो. आनंद प्रसाद से बोला कि कुलपति सर से पूछ लीजिए की मेरा स्थानंतरण हो गया है। आचार संहिता भी लग गया है, क्या करना है।
इसपर उन्होंने पता कर बताया कि जो आपके जगह पर स्थानांतरण किए गए हैं वह रविवार को पदभार ग्रहण करने आ रहे हैं। इस लिए रविवार को उन्हें अपना कार्यभार देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय पहुंचा था और फाइलों की लिस्ट तैयार कर रहा था। मेरे पास ऐसी कोई फाइल नहीं है जिसे छुपाऊं या उसे घर लाऊं।
फाइलों के साथ छेड़छाड़ की मिली थी जानकारी
कुल सचिव विनोद एक्का का स्थानांतरण हो गया है। मुझे जानकारी मिली कि रविवार को अवकाश के दिन कुल सचिव विश्वविद्यालय पहुंचे हैं और फाइलों के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। सूचना पर विश्वविद्यालय पहुंचा। छुट्टी के दिन आने का कोई मतलब नहीं है।
अशोक सिंह, कुलपति, विश्वविद्यालय संत गहितरा गुरु