गौरतलब है कि सरगुजा जिला पहाड़ों व वनों से आच्छादित है। यहां तरह-तरह के जीव जंतु विचरण करते हैं कई दुर्लभ पक्षी या जीव दूसरे राज्यों से यहां पहुंच जाते हैं। इसी बीच एक दुर्लभ जीव मालाबार जायंट गिलहरी सरगुजा के मतरिंगा जंगल में देखने को मिली है।
इसके शरीर पर काला, पीला, भूरा, नारंगी, लाल सहित कई अन्य रंग होते हैं, इस कारण इसे इंद्रधनुषी गिलहरी भी कहते हैं। यह गिलहरी दक्षिण भारत व मध्य भारत में मिलते हैं। सरगुजा जिले के लिए यह पहला मौका है जब इंद्रधनुषी गिलहरी को किसी ने देखा हो। इंद्रधनुषी गिलहरी को पक्षी प्रेमी प्रतीक ठाकुर ने अपने कैमरे में कैद किया है। इससे पूर्व सरगुजा में उडऩे वाली गिलहरी भी देखी जा चुकी है।
20 फीट तक लगाती है छलांग
मालाबार जायंट गिलहरी या इंद्रधनुषी गिलहरी डेढ़ से 3 फीट तक लंबी होती है। यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर करीब 20 फीट की छलांग लगा सकती है। यह ऊंचे पेड़ों पर रहती है ताकि कोई इसका शिकार न कर सके। अमूमन तेंदुए, बाज, उल्लू, लायन टेल मकाउ बंदर इसका शिकार करते हैं।
मालाबार जायंट गिलहरी या इंद्रधनुषी गिलहरी डेढ़ से 3 फीट तक लंबी होती है। यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर करीब 20 फीट की छलांग लगा सकती है। यह ऊंचे पेड़ों पर रहती है ताकि कोई इसका शिकार न कर सके। अमूमन तेंदुए, बाज, उल्लू, लायन टेल मकाउ बंदर इसका शिकार करते हैं।
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महाराष्ट्र में राजकीय जीव का दर्जा है प्राप्त
मालाबार ज्वाइंट गिलहरी या इंद्रधनुषी गिलहरी (Rainbow squirell) को महाराष्ट्र में राजकीय जीव का दर्जा प्राप्त है। इसे महाराष्ट्र में शेकारू कहते हैं। यह अपना घोंसला ऊंचे पेड़ों पर छोटी टहनियों पर बनाती है। यह शाकाहारी होती है तथा फल फूल नट्स खाती है।