इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि बंदी 13 सितंबर को पत्नी व बच्चों से मिलने अपने घर ग्राम करौटी सूरजपुर आने वाला है। इस पर मणिपुर चौकी पुलिस ने चेन्द्रा पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे पुन: जेल दाखिल कर दिया है।
सूरजपुर जिले के झिलमिली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करौटी निवासी दिलभरन उर्फ जोधा के खिलाफ धारा 450, 376 (2) (1), 376 (2), 323 के मामले में सूरजपुर न्यायालय ने वर्ष 2018 में उसे (Rape prisoner) आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से उसे केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया था।
तबियत खराब होने पर उसे 3 जून 2020 को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 5 जून की सुबह सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों द्वारा उसे शौचालय ले जाया गया था। वहीं पर वह मौके का फायदा उठाकर हाथ से हथकड़ी निकाल अस्पताल से भाग गया। (Rape prisoner)
पुलिस द्वारा काफी खोजबीन की गई पर उसका कही पता नहीं चला। जेल प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट मणिपुर चौकी में दर्ज कराई थी। पुलिस बंदी की तलाश में जुटी हुई थी।
पूर्व में शहर में चलाता था रिक्शा
अस्पताल से फरार हुआ बंदी दिलभरन उर्फ जोधा अंबिकापुर में रहकर पूर्व में रिक्शा चलाने का काम करता था। इस कारण उसे शहर की हर गली का पता था। वह अस्पताल के पीछे तालाब के रास्ते से भाग निकला। इस दौरान उसने जेल के कपड़े तालाब के पास फेंक दिए थे। इसके बाद वह इधर-उधर मजदूरी कर छिपा रहा।
पूर्व में शहर में चलाता था रिक्शा
अस्पताल से फरार हुआ बंदी दिलभरन उर्फ जोधा अंबिकापुर में रहकर पूर्व में रिक्शा चलाने का काम करता था। इस कारण उसे शहर की हर गली का पता था। वह अस्पताल के पीछे तालाब के रास्ते से भाग निकला। इस दौरान उसने जेल के कपड़े तालाब के पास फेंक दिए थे। इसके बाद वह इधर-उधर मजदूरी कर छिपा रहा।
वह कई दिनों तक जंगल में भी रहा। 13 सितंबर को वह पत्नी व बच्चों से मिलने अपने घर करौटी जाने वाला था। मुखबिर से इसकी जानकारी मिलने पर मणिपुर चौकी पुलिस ने सूरजपुर जिले के चेन्द्रा पुलिस की मदद से आरोपी को उसके घर ग्राम करौटी से गिरफ्तार कर लिया।