केरल निवासी श्रीसुकुमारन सीके अपने एक साथी के साथ 14 जनवरी को केरल के कोझीकोड से अयोध्या रामलला के दरबार में एक विशेष उद्देश्य को लेकर वहां हाजिरी लगाने निकले हुए है। 6 दिन की यात्रा करते हुए वे 19 जनवरी को उदयपुर के रामगढ़ पहुंचे ।
उन्हें जब यह जानकारी मिली कि अपने वनवास काल के दौरान श्रीराम यहां ठहरे थे। वहीं कल्चुरी कालीन प्राचीन मूर्तियों के संबंध में जानकारी मिलने पर राम जानकी मंदिर पहुंचे और आगे को यात्रा के लिए रवाना हुए।
2.27 लाख 440 बार राम नाम 14 किताबों में लिखा जाप
पत्रकारों से चर्चा के दौरान श्रीसुकुमारन सीके ने बताया की भगवान हनुमान की प्रेरणा से 2 लाख 27 हजार 440 बार ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ का जाप उन्होंने 108 दिनों में लिखा है।
इन लिखित जाप को उन्होंने 14 किताबों का स्वरूप प्रदान किया है। अब इन सभी किताबों को लेकर ही एक यज्ञ समझकर इनकी यात्रा जारी है। वे अयोध्या पहुंच कर 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में अपने ईष्ट के चरणों में समर्पित करेंगे।