भजन-कीर्तन के बीच भगवान राम सहित जानकी का विशेष श्रृंगार किया गया। पूजा से पहले परंपरा के अनुसार मंदिर के पट बंद कर दिए गए। दोपहर १२ बजे जैसे ही मंदिर के पट खोले गए। इस दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। राम मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा महाआरती की गई।
आरती के बाद बधाइयों का दौर शुरू हो गया। मंदिर परिसर में उपस्थित भक्तों ने एक दूसरे को बधाई देकर रामजन्मोत्सव की शुभकामनाएं दी। राम मंदिर में भंडारे का भी आयोजन किया गया था। जन्मोत्सव कार्यक्रम के बाद श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
अखंड रामायण का आयोजन
राम मंदिर में परपंरागत ढंग से दोपहर १२ बजे भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया गया। इससे पूर्व मंदिर में पूजा अर्चना सुबह से ही शुरू हो गई थी। जन्मोत्सव कार्यक्रम से पूर्व भक्तों द्वारा मंदिर परिसर में अखंड रामायण का भी आयोजन किया गया था।
अखंड रामायण का आयोजन
राम मंदिर में परपंरागत ढंग से दोपहर १२ बजे भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया गया। इससे पूर्व मंदिर में पूजा अर्चना सुबह से ही शुरू हो गई थी। जन्मोत्सव कार्यक्रम से पूर्व भक्तों द्वारा मंदिर परिसर में अखंड रामायण का भी आयोजन किया गया था।
जन्मोत्सव पर बांटी गई टॉफी
चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन नवमी तिथि पर राम जन्मोत्सव मनाया गया। शहर के राम मंदिर में राम जन्मोत्सव कार्यक्रम के बाद भक्तों द्वारा टॉफी बांटी गई। इस दौरान महिला मंडली द्वारा राम जन्मोत्सव गीत का भी आयोजन किया गया था।
नौ दिनों के व्रत का समापन
इधर देवी मंदिरों में नवरात्रि के समापन पर हवन-पूजन का कार्यक्रम दिन भर चलता रहा। इसी के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन हुआ। इस मौके पर मंदिरों एवं घरों में कन्या भोज का आयोजन किया गया था।
नवमी पर देवी मंदिरों में भी उमड़े भक्त
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी के अवसर पर रविवार को नगर के दुर्गा मंदिरों, देवी धामों में जगत जननी की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। सरगुजा की अराध्य मां महामाया मंदिर अंबिकापुर में मंदिर में पूरे दिन पूजा का दौर चलता रहा।
इस दौरान सुबह से ही श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना की। महामाया मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। मां की दर्शन के लिए लोगों ने कतार में खड़े होकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करते रहे। नौ दिन तक व्रत रखने वाले भक्त नवमी के हवन-पूजन कर पूर्णाहुति हुई।
इस दौरान महामाया मंदिर, समलाया मंदिर, मां दुर्गा शक्तिपीठ गांधी चौक, संत हरकेवल मंदिर, काली मंदिर, रघुनाथपुर मंदिर, शीतला मंदिर सहित शहर के सभी देवी मंदिरों में माता की आराधना करने श्रद्धालु पहुंचे।