पासिंग आउट परेड में युवाओं के परिजन भी शामिल हुए। परेड में जवानों के जोश, साहस व देशभक्ति का गजब का जज्बा देखने को मिला, कार्यक्रम में मौजूद लोग इसके कायल हो गए, उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि माओवादियों के गढ़ में चुनौतियों के बीच रह रहे ये युवा आज उन्हीं से हर मोर्चे पर मुकाबला करने में पारंगत हो चुके हैं। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब शहीद जवानों के परिजन को कम से कम 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
ग्राम केपी अजिरमा में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अतिरिक्त प्रशिक्षण केंद्र में 241 बस्तरिया बटालियन के लिए चयनित 534 युवक व युवतियों ने 44 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें किसी भी चुनौती का किसी भी परिस्थिति में सामना करने की शपथ दिलाकर सीआरपीएफ में शामिल किया गया।
बस्तर के घोर माओवादी क्षेत्र में माओवादियों से लडऩे में आ रही चुनौती को ध्यान में रखते हुए इस बटालियन का गठन 1 अप्रैल 2017 को किया गया था। 241 बस्तरिया बटालियन में बस्तर के घोर माओवाद प्रभावित जिले सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर के युवक-युवतियों को शामिल किया गया है। बस्तरिया बटालियन के 6 प्लाटून में दो बटालियन महिलाओं का है।
महिलाओं के बटालियन में 189 महिलाओं को शामिल किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को केपी अजिरमा में बस्तरिया बटालियन के पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद सलामी ली। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं को पुरस्कृत भी किया। कार्यक्रम की शुरूआत में सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने बस्तरिया बटालियन गठन किए जाने के उद्देश्य को बताया।
इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि बस्तरिया बटालियन को मिलाकर अब पूरे देश में 245 बटालियन हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इन युवाओं के जोश को देखते हुए हम सभी को अब विश्वास है कि बस्तर के युवा अब वहां माओवादियों से लोहा लेने को तैयार हैं। इन्हें परेड के बाद से ही बस्तर के दूर-दराज क्षेत्र में नियुक्त किया जाएगा।
अब ये सीआरपीएफ परिवार के हिस्सा हैं। इस दौरान गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, राज्यसभा सासंद रामविचार नेताम, सासंद कमलभान सिंह, डीजीपी एएन उपाध्याय सहित सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान उपस्थित थे। माओवादी नहीं चाहते आदिवासियों का विकास
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्बोधन के दौरान माओवादियों को लेकर काफी आक्रामक नजर आए। उन्होंने पासिंग आउट परेड में शामिल बस्तरिया बटालियन के जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आज इस पल में शामिल होकर मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल जवानों के परिजन का अभिनंदन करते हुए कहा कि धन्य हैं वे माता-पिता जिन्होंने आप जैसे लाल पैदा किए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्बोधन के दौरान माओवादियों को लेकर काफी आक्रामक नजर आए। उन्होंने पासिंग आउट परेड में शामिल बस्तरिया बटालियन के जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आज इस पल में शामिल होकर मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल जवानों के परिजन का अभिनंदन करते हुए कहा कि धन्य हैं वे माता-पिता जिन्होंने आप जैसे लाल पैदा किए।
आपने आज सिद्ध कर दिया है कि प्रतिभा सिर्फ बड़े-बड़े शहरों व आलिशान अट्टालिकाओं में ही पैदा नहीं होती है बल्कि वह छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी पैदा होती है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री क्षेत्र का काफी तेजी से विकास करना चाहते हैं। वे किसी एक क्षेत्र विशेष का नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास करना चाहते हैं। उन दूर-दराज के क्षेत्रों का भी विकास करना चाहते हैं जहां अब तक किसी की भी नजर नहीं पड़ी है लेकिन माओवादी ऐसा नहीं चाहते हैं।
माओवादी नहीं चाहते हैं कि हमारे आदिवासी समाज के लोग विकास करें। जबकि आदिवासी समाज के लोग हमेशा देशभक्त रहे हैं और आवश्यकता पडऩे पर हमेशा अपना शौर्य व पराक्रम दिखाया भी है। माओवादी इनके विकास में बाधक बने हुए हैं और नहीं चाहते हैं कि आदिवासी समाज के लोग विकास करें।
दुनिया की कोई भी ताकत माओवादी नेताओं को नहीं बचा सकती
केंद्रीय गृहमंत्री ने माओवादी नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि माओवादियों के नेता आलिशान मकानों में रहते हैं। इन्हें सारे सुख-सुविधा प्राप्त हैं। इनके बच्चे बड़े-बड़े शहरों के कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन्हे धन उपलब्ध कराने वालों की पहचान की जा रही है और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। दुनिया की कोई भी ताकत इन्हें अब नहीं बचा सकती है।
शहादत पर एक करोड से अधिक देगी सरकार
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जवानों के जान की भरपाई तो नहीं की जा सकती, लेकिन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों का न्यौछावर करने वाले शहीदों के परिजनों को अब एक करोड़ से अधिक की एक्सग्रेसिया की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से घायल और अंग-भंग हुए जवानों को भी उचित सहायता राशि दी जाएगी।
देश के किसी भी क्षेत्र में ली जा सकती है सेवा
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह पदस्थापना कुछ दिनों के लिए है लेकिन बस्तरिया बटालियन के युवाओं की सेवा देश के किसी भी कोने में ली जा सकती है।
माओवादी व अलगावाद में आई है कमी
गृहमंत्री ने कहा कि आज सीआरपीएफ व पुलिस के बीच बेहतर समन्वय होने की वजह से माओवादियों व अलगावादियों के हमले में 53 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि भौगोलिक स्थिति में 43 प्रतिशत की कमी आई है। इसका श्रेय सीआरपीएफ को जाता है। उन्होंने बस्तरिया बटालियन के युवाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपके होश व जोश को देखते हुए अब यह नजर आने लगा है कि अब माओवादियों से लोहा लेने को आप तैयार हैं और अपना पराक्रम व साहस दिखा सकते हैं। इससे बस्तर के विकास की नई राह खुलेगी।
चीते की तरह फुर्तीले हैं बस्तर के युवा
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि आज बस्तरिया बटालियन का परेड देखने को मिला। उनके साहस व पराक्रम को देख मुझे विश्वास हो गया है कि अब बस्तर में माओवादियों की खैर नहीं। बस्तर के ये युवा चीते के तरह फुर्तीले हैं। बस्तर में माओवादियों से मुकाबला करने में हमेशा वहां की भौगोलिक स्थिति व बोली की वजह से काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब उम्मीद है कि बस्तर में शांति का टापू बनेगा।
आने वाले दिनों में बस्तरिया बटालियन के युवा न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में अपना नाम रौशन करेंगे। बस्तर के इन युवाओं के डीएनए में उतनी मजबूती है जितना लोहा मजबूत होता है। ये युवा देश के लिए रक्त की एक-एक बूंद बहाने को तैयार हैं। ये कभी पराजित नहीं होंगे।
युवाओं को अपने साथ जोडऩा चाहते हैं
बस्तरिया बटालियन में शामिल बीजापुर के अनीता तेलाम व दंतेवाड़ा की उर्मिला मिच ने कहा कि उनका क्षेत्र माओवादियों की वजह से शिक्षा व विकास से काफी पिछड़ा हुआ है। उनके घर में कोई सुख-सुविधा नहीं है। पूरा क्षेत्र माओवादी प्रभावित होने की वजह से जिले के लोग शिक्षा के साथ अन्य सुख सुविधाओं से भी वंचित हैं। लेकिन वे चाहती हैं कि उनके क्षेत्र के युवा सीआरपीएफ के साथ जुड़कर क्षेत्र का विकास करें।