वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सरकार किए जाने की घोषणा की है। मंगलवार को खाद्य व पर्यटन मंत्री अमरजीत भगत व शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह सहित पूरे प्रशासन ने अंतिम संस्कार के तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए। 12 फरवरी को स्व. देवेंद्र कुमारी सिंहदेव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। (Rajmata Funeral)
अधिकृत सूचना के अनुसार बुधवार की सुबह 11 बजे तक दिल्ली के मेदांता अस्पताल से देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव का पार्थिव शरीर विशेष प्लेन से दरिमा एयरपोर्ट लाया जाएगा। दरिमा एयरपोर्ट से राजमाता का पार्थिव शरीर रघुनाथ पैलेस में आमलोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा।
दोपहर 3 बजे अंतिम यात्रा रघुनाथ पैलेस से प्रारम्भ होकर रानी तालाब पहुंचेगी। यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मंत्री व अधिकारी
मंगलवार को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंंह, विधायक लुण्ड्रा डॉ. प्रीतम राम भी कोठीघर पहुंचे। उन्होंने अंतिम संस्कार की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान कमिश्नर इमिल लकड़ा, कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर, एसपी आशुतोष सिंह भी तैयारियों को लेकर सक्रिय रहे।
तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मंत्री व अधिकारी
मंगलवार को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंंह, विधायक लुण्ड्रा डॉ. प्रीतम राम भी कोठीघर पहुंचे। उन्होंने अंतिम संस्कार की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान कमिश्नर इमिल लकड़ा, कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर, एसपी आशुतोष सिंह भी तैयारियों को लेकर सक्रिय रहे।
दोनों मंत्री व अधिकारियों ने परिवार के सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य आदित्येश्वर शरण सिंहदेव से मुलाकात कर ढांढ़स बंधाया। इधर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी अंबिकापुर पहुंच गए हैं।
हिमाचल के जुब्बल रियासत की थी राजकुमारी
हिमाचल प्रदेश जुब्बल रियासत के स्व. राजा दिग्विजय सिंह व रानी हेमंत कुवंर की पुत्री सरगुजा रियासत की राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव का जन्म 13 जुलाई 1933 को हुआ था। उनका विवाह अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव व सरगुजा महाराज स्व.मदनेश्वर शरण सिंहदेेव के साथ 21 अप्रैल 1948 को हुआ था।
हिमाचल के जुब्बल रियासत की थी राजकुमारी
हिमाचल प्रदेश जुब्बल रियासत के स्व. राजा दिग्विजय सिंह व रानी हेमंत कुवंर की पुत्री सरगुजा रियासत की राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव का जन्म 13 जुलाई 1933 को हुआ था। उनका विवाह अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव व सरगुजा महाराज स्व.मदनेश्वर शरण सिंहदेेव के साथ 21 अप्रैल 1948 को हुआ था।
राजनीतिक सफर
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय राजमाता अम्बिकापुर एवं बैकुण्ठपुर से दो बार विधायक तथा अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रकाश चन्द्र सेठी मंत्रिमण्डल में आवास, पर्यावरण, वित्त एवं पृथक आगम मंत्री रहीं। वहीं अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में मध्यम एव लघु सिंचाई मन्त्री थीं। वे इन्दिरा गांधी की विश्वस्त सहयोगी थीं।
जनता दल शासन में इन्दिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में लाठीचार्ज झेलते स्ट्रेचर में जेल गईं थीं। उनके वर्चस्व का असर था कि जब कांग्रेस में भीषण गुटबाजी थी, तब एक ताकतवर अजेय पैलेस कांग्रेस के नाम से अस्तित्व में था।
स्वास्थ्य मंत्री सहित पांच संतान
देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव की दो पुत्र व तीन पुत्रियां हंै। इनमें मोहिनी राणा पिंकी, स्वास्थ्य मंत्री त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव, आशा सिंहदेव, मंजूश्री आनन्द और अरुणेश्वर शरण सिंहदेव हैं। अरुणेश्वर सिंहदेव की दो संतान आदित्येश्वर शरण सिंहदेव व ऐश्वर्या शरण सिंहदेव हैं।
देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव की दो पुत्र व तीन पुत्रियां हंै। इनमें मोहिनी राणा पिंकी, स्वास्थ्य मंत्री त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव, आशा सिंहदेव, मंजूश्री आनन्द और अरुणेश्वर शरण सिंहदेव हैं। अरुणेश्वर सिंहदेव की दो संतान आदित्येश्वर शरण सिंहदेव व ऐश्वर्या शरण सिंहदेव हैं।
अंतिम संस्कार में ये हो सकते हैं शामिल
स्व. देवेंद्र कुमारी सिंहदेव के अंतिम संस्कार में मध्यप्रदेश के श्रम मंत्री नरेन्द्र सिंह सिसोदिया, दिग्विजय सिंह, राहुल सिंह, छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज सिंहदेव सहित पूरे मंत्री के पहुंचने की उम्मीद है।
टीएस ने किया ट्वीट
टीएस सिंहदेव ने माता के निधन पर सबसे पहले लिखते हुए कहा कि ‘जिनके आंचल से दुनिया को समझना सीखा। जिनके वात्सल्य का मेरा रोम-रोम ऋणी है, आज मेरी वो मां राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव जी मुझसे बहुत दूर चली गईं। आपके संस्कार सदैव मेरी शिराओं में जीवित रहेंगे।