26 फीसदी बिलो इस काम से पहले करीब 22 फीसदी बिलो का काम वर्ष 2020 में अग्रसेन चौक से सांड़बार बेरियर तक का काम विभाग ने स्वीकृत किया था। तीन साल पहले मैटेरियल्स के दर कम थे। इसके बाद भी काम की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे।
वर्तमान में बढ़ी हुई कीमतों पर 26 फीसदी बिलो में काम को स्वीकृत करना विभाग के लिए गले की हड्डी बन सकता है। इस दर के बाद ठेकेदार को एसडी, पीजी, रॉयल्टी, आईटी और जीएसटी जैसे करीब 17 फीसदी के खर्चे अतिरिक्त हैं। यानि ठेकेदार करीब 43 फीसदी बिलो में काम को करने को तैयार है।
सवालों के घेरे में मिट्टी फिलिंग के लिए की गई राशि का प्रावधान
डहोली-दोरना सडक़ लुंड्रा बाजार से करीब 10 किलोमीटर आगे निकलने पर है। मुख्य मार्ग से लगी हुई इस सडक़ की बुधवार को पत्रिका की टीम ने पड़ताल की। इस सडक़ की चौड़ाई काफी कम है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टेंडर में उक्त सडक़ में मिट्टी फिलिंग का प्रावधान करीब ७३ लाख रुपए किया गया है। जबकि सडक़ वर्तमान मौके पर कुछ जगहों को छोड़ दिया जाए तो खासी उंची है। ऐसे में मिट्टी फिलिंग के काम के लिए इतनी बड़ी राशि का प्रावधान सवालों को खड़ा कर रहा है।
इस्टीमेट में हैं खामियां
नाम नहीं छापने की शर्त पर विभाग में काम करने वाले एक ठेकेदार ने बताया कि उक्त कार्य के इस्टीमेट में काफी खामियां हैं। इस्टीमेट में जिन कामों का उल्लेख किया गया है, उनमें से कुछ काम ऐसे हैं जो सडक़ पर होने ही नहीं हैं।
ठेकेदार घर से लगाएगा पैसा
हम तो पीडब्ल्यूडी के नॉम्र्स को फॉलो कराएंगे। ठेकेदार घर से पैसे लगाएगा। जब बिलो टेंडर आता है तो हम ठेकेदार से वर्क एनालिसिस भी लेते हैं। ये मेरे स्तर का काम नहीं है। उच्च अधिकारी का विवेक है कि वे सेंक्सन करेंगे या नहीं।
वीरेन्द्र सिंह बेदिया, ईई पीडब्ल्यूडी