गौरतलब है कि 2 वर्ष पूर्व सरगुजा के तत्कालीन आईजी रतनलाल डांगी द्वारा पुलिस टे्रेनिंग सेंटर मैनपाट में भारत माता के मंदिर का उद्घाटन किया गया था। वहीं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हर संस्था में छत्तीसगढ़ महतारी (Chhattisgarh Mahtari) की मूर्ति या फोटो लगाए जाने के निर्देश के बाद यहां छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति भी स्थापित की गई थी।
मंगलवार की दोपहर करीब 12.30 बजे यहां पदस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा दोनों मंदिर को जेसीबी लगाकर ध्वस्त कर दिया गया। इसकी जानकारी लगते ही स्थानीय नागरिकों व हिंदू संगठन के लोगों ने विरोध शुरु कर दिया।
उन्होंने पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के बाहर सडक़ पर बैठकर नारेबाजी की और मंदिरों को तोडऩे वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इधर पुलिस अधिकारियों द्वारा यह बात कही जा रही है कि वे दूसरी जगह मंदिर बनवाएंगे।
आईजी से की गई शिकायत में ये लिखा
स्थानीय नागरिकों ने एक शिकायत पत्र आईजी के नाम सौंपकर दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में उन्होंने बताया है कि तत्कालीन आईजी रतनलाल डांगी द्वारा उद्घाटन किए गए भारत माता व छत्तीसगढ़ महतारी के मंदिर को पुलिस टे्रनिंग सेंटर के पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिंज, उप पुलिस अधीक्षक रेमिजुइस तिग्गा व निरीक्षक सुरेश कुमार भगत द्वारा जेसीबी लगाकर तुड़वा दिया गया।
मंदिरों को तोड़े जाने से वे खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया है कि एक तरफ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जहां सभी शासकीय कार्यालयों में भारत माता व छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो लगाने आदेशित किया गया है, वहीं दूसरी तरफ इन पुलिस अधिकारियों द्वारा दोनों माताओं के मंदिरों को ध्वस्त किया गया। उन्होंने मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।