किशोरों में बढ़ती हुई आत्महत्या की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए प्राचार्य सिस्टर शांता जोसेफ के निर्देशन में मनोविभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ममता अवस्थी एवं सहायक प्राध्यापक दिव्या सिंह के मार्गदर्शन में होली क्रॉस वूमेंस कॉलेज अंबिकापुर में विश्व ‘आत्महत्या रोकथाम सप्ताह’ मनाया गया।
इस विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ के रूप में ‘स्पर्श क्लीनिक’ जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंबिकापुर में पदस्थ नैदानिक मनोवैज्ञानी सुमन कुमार को आमंत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के लिए आत्महत्या की खबर झकझोर कर रख देने वाली होती है।
यह अत्यंत दुखदायी होता है, जब आत्महत्या करने वाला उनका रिश्तेदार अथवा करीबी होता है। अक्सर आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के संबंध में अनेक प्रश्न दूसरों के दिमाग में आते हैं, उसने ऐसा क्यों किया होगा?
क्या उसके परिवार के सदस्य इस बात को पहले समझ नहीं पाए, ताकि उसे ऐसा करने से रोका जा सकता था। उन्होंने बताया कि वैश्विक आंकड़े के अनुसार विश्वभर में प्रत्येक 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है।
आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के संकेतों को पहचानें
सुमन कुमार ने बताया कि कैसे पहले से ही आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के संकेतों को पहचाने तथा ऐसे व्यक्ति की प्रवृत्ति को रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए? उपायों के तहत उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि एक सकारात्मक शब्द हमें उसके लिए बोलना है कि मैं हूं तुम्हारे साथ, या मैं हूं ना। हमें उसकी सारी बातें सुननी है।
इस प्रकार उसे विश्वास में लेकर हम उसकी विचारधारा को आसानी से परिवर्तित कर सकते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित एमएसडब्ल्यू विभाग की समस्त प्राधयापिकाओं अल्मा मिंज, प्रेरणा लकड़ा, अंजना ने भी छात्राओं को संबोधित किया।