ऐसा ही एक मामला सोमवार को शहर के एक निजी अस्पताल से सामने आया। यहां कोरोना (Covid-19) का इलाज करा रही महिला के परिजन को 3 दिन का 2 लाख 64 हजार रुपए का बिल थमा दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री
(Health Minister TS Singhdeo) के कहने पर पीडि़त पक्ष ने थाने मे शिकायत दर्ज कराई है।
यहां के निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के 7 घंटे बाद महिला ने तोड़ा दम, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप
गौरतलब है कि सोमवार को कोरोना पीडि़त महिला के परिजन ने शहर के एक
निजी अस्पताल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। परिजन का आरोप है कि निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बावजूद मरीज की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ और 3 दिन के भीतर 2 लाख 64 हजार रुपए का भारी-भरकम बिल थमा दिया गया।
भारी-भरकम बिल देख मरीज के परिजनों के होश उड़ गए। परिजन द्वारा जब इस बिल का विरोध किया गया तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुन: 1 लाख 75 हजार रुपए का दूसरा बिल काटकर दिया गया।
परिजन ने जब इसकी जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को दी तो उन्होंने स्पष्ट रूप से परिजन को थाने में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही। इसके बाद परिजन कोतवाली पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।
रेणुका बोलीं- CM और स्वास्थ्य मंत्री की आपसी खींचतान से जनता को हो रहा नुकसान, इस बारे में मुझसे चर्चा तक नहीं की
कोरोना पॉजिटिव को भगा दिया था निजी अस्पताल नेशहर के एक निजी अस्पताल (Private hospital) ने सप्ताहभर पूर्व कोरोना पॉजिटिव एक बुजुर्ग का 2 दिन इलाज करने के बाद भगा दिया था। बाद में उसकी
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई थी।
यही नहीं, अस्पताल प्रबंधन ने उसके आयुष्मान कार्ड
(Ayushman card) से 56 हजार रुपए काटने के लिए नकद 50 हजार रुपए भी लिए थे। इसके बाद आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से मना कर दिया था।