ट्रैक्टर से टायर गायब देख जब थाने के अन्य पुलिसकर्मियों ने मामले की शिकायत थाना प्रभारी से की, तब मामले का खुलासा हुआ। जांच में दोनों पुलिसकर्मियों का नाम सामने आते ही एसपी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
अब पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पुलिसकर्मी ही चोरी करने लगें तो जनता को चोरों-अपराधियों से कौन बचाएगा?
सरगुजा जिले की दरिमा पुलिस ने धारा 304ए के एक प्रकरण में एक नए ट्रैक्टर को जब्त किया था। ट्रैक्टर थाना परिसर में ही खड़ा था। ट्रैक्टर के नए टायर व पाट्र्स बेचने की फिराक में कई दिनों से वहां पदस्थ प्रधान आरक्षक संतोष कुमार गुप्ता व आरक्षक जगेश्वर बघेल थे।
इसके लिए पहले उन्होंने दरिमा के ही व्यापारी दीप गुप्ता उर्फ मोंटी से बातचीत की। सौदा तय होने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने मिलकर थाना परिसर में खड़े ट्रैक्टर के चारों टायर व अन्य पाट्र्स दीप गुप्ता को बेच दिया।
हैरत की बात तो यह है कि दरिमा पुलिस को इस बात की जानकारी तक नहीं लगी कि उनके थाना परिसर से ही पुलिसकर्मियों ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
4 दिन पूर्व कुछ पुलिसकर्मी थाना परिसर की सफाई करा रहे थे। इस बीच उनकी नजर ट्रैक्टर पर पड़ी तो वह भी दंग रह गए। चारों टायर व अन्य पाट्र्स चोरी हो गए थे। आनन-फानन में थाना प्रभारी सलीम तिग्गा ने मामले की जांच शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि थाना परिसर से जिन टायरों की चोरी हुई है, वे टायर व्यापारी दीप गुप्ता के ट्रैक्टर में लगे हुए हंै।
सूचना मिलते ही पुलिस की टीम दीप गुप्ता के घर से चोरी के टायर सहित ट्रैक्टर को जब्त कर थाने लेकर आ गई। वहीं जब पुलिस ने व्यापारी से पूछताछ की तो पता चला कि टायरों व पाट्र्स की चोरी किसी और नहीं बल्कि दरिमा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक संतोष कुमार गुप्ता और आरक्षक जगेश्वर बघेल ने की है।
इसके बाद मामला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच गया। वहीं मामले की गंभीरता को देख जिला पुलिस अधीक्षक टीआर कोशिमा ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। वहीं विभागीय जांच की जिम्मेदारी एसडीओपी चंचल तिवारी को दी है।
दोनों को किया गया है निलंबित
इस मामले में एसपी सर ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चंचल तिवारी, एसडीओपी