गौरतलब है कि झारखंड के गढ़वा जिले के छिंजो इलाके में मंगलवार रात माओवादियों द्वारा लगाई गई एक लैंडमाइन के धमाके में 6 जवान शहीद और 10 जवान घायल हो गए थे। इस इलाके में मंगलवार की शाम पुलिस को कुछ माओवादियों की मौजूदगी के इनपुट भी मिले थे। इसके बाद पुलिस ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।
चूंकि हादसा वाला क्षेत्र बलरामपुर जिले से लगा हुआ है, इसलिए माओवादी भागकर बलरामपुर जिले की तरफ प्रवेश न कर जाएं। इसके मद्देनजर पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर सरहदी क्षेत्रों में सर्चिंग तेज कर दी है।
पुलिस के अनुसार सरहदी इलाकों में पूरे वर्ष भर सर्च ऑपरेशन चलाया जाता है। लेकिन मंगलवार को झारखंड के छिंजो में हुए हादसे के बाद माआवादियों को पकडऩे के लिए झारखंड पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर घेराबंदी कर रखी है।
इससे उम्मीद जताई जा रही है कि माओवादी बलरामपुर के रास्ते सरगुजा में प्रवेश कर सुरक्षित निकलने का प्रयास कर सकते हैं। इसकी वजह से झारखंड की तरफ से आने वाले वाहनों की सघन जांच कराई जा रही है।
इसके साथ ही जो भी संदिग्ध मिल रहा है। उससे भी पूछताछ की जा रही है। सरहदी इलाके के जंगल वाले रास्ते को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। ताकि अंदरूनी मार्ग का कोई भी उपयोग करे तो उसकी जानकारी रखी जा सके।
40 किमी दूर स्थित है बूढ़ापहाड़
सूत्रों के मुताबिक बूढ़ापहाड़ से उतरने के दौरान ही खपरी महुआ नामक स्थान के पास तुरेर में माओवादियों द्वारा लगाई बारूदी सुरंग में विस्फोट हो जाने से यह हादसा हुआ है। बूढ़ापहाड़ बलरामपुर जिले के सरहद से लगा हुआ है। बूढ़ापहाड़ की दूसरी तरफ खपरी महुआ नामक स्थान है जो यहां से महज 40 किमी दूर है। इसे ध्यान में रखते हुए सर्चिंग तेज की गई है।
बॉडर से सटा इलाका होने के कारण सर्चिंग की गई है तेज
माओवादियों के हलचल को देखते हुए पूरे वर्ष भर बलरामपुर जिले के सरहदी क्षेत्रों में सर्चिंग की जाती है। बूढ़ापहाड़ का छिंजो क्षेत्र बलरामपुर से महज 40 किमी दूर है। इसे ध्यान में रखते हुए सरहदी क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर दी गई है। झारखंड की तरफ से आने-जाने वाले वाहनों को रोककर पूछताछ की जा रही है।
डॉ. पंकज शुक्ला, एडिशनल एसपी, बलरामपुर