मैनपाट ब्लॉक में पीएम आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया था। मामला वर्ष 2019 से पूर्व का है। 14 पात्र हितग्राहियों की राशि अपात्र हितग्राहियों को दे दी गई थी। यह पूरा खेल उस समय मैनपाट जनपद कार्यालय में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों की मिली भगत से हुआ था।
मामला सामने आने पर कलेक्टर ने मैनपाट (Mainpat) एसडीएम को जांच के निर्देश दिए थे। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर कमलेश्वरपुर थाना में तत्कालीन जनपद सीईओ सागरचंद गुप्ता, जयगोविन्द गुप्ता व वीएलई तसव्वुर खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
मामले में एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लो ने बताया कि जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तीन आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है। जांच में और नाम सामने आते हंै तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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कुछ दिनों पहले जिले के प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी अंबिकापुर के प्रवास पर आए थे। यहां उन्हें मैनपाट में पीएम आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने विभागीय समीक्षा बैठक में पीएम आवास में हुई गड़बड़ी की जांच करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और कलेक्टर ने जनपद सीईओ को हटा दिया था। अब मामले में एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई हुई है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मैनपाट जनपद के तत्कालीन ऑपरेटर की भी इस मामले में महत्वपूर्ण संलिप्तता है, लेकिन उसके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ये ऑपरेटर कांग्रेस सरकार के दौरान एक कैबिनेट मंत्री का काफी करीबी था।