सबसे खुशी की बात ये है कि सभी 42 नवजात स्वस्थ हैं, उन्हें कोरोना छू भी नहीं (Newborn not positive) सका। ऐसे में प्रसूता माताओं के चेहरे पर भी मुस्कान देखी गई।
गौरतलब है कि सरगुजा जिले में पिछले एक साल में कोरोना ने 20 हजार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लिया है। इस दौरान कई गर्भवती महिलाएं भी कोरोना से संक्रमित हो चुकीं हैं। वहीं ऐसी कई महिलाएं हैं जो प्रसव होने से दो-चार दिन पूर्व कोरोना से पीडि़त हुईं थीं।
गौरतलब है कि सरगुजा जिले में पिछले एक साल में कोरोना ने 20 हजार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लिया है। इस दौरान कई गर्भवती महिलाएं भी कोरोना से संक्रमित हो चुकीं हैं। वहीं ऐसी कई महिलाएं हैं जो प्रसव होने से दो-चार दिन पूर्व कोरोना से पीडि़त हुईं थीं।
ऐसी स्थिति में चिकित्सकों ने उन्हें विशेष निगरानी में कोविड सेंटर में रखकर प्रसव कराया है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमएस डॉ. लखन सिंह ने बताया कि ऐसी महिलाओं के लिए कोविड सेंटर में चिकित्सकों की विशेष टीम लगाई गई है।
साथ ही कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए एक अलग से ओटी भी कोविड सेंटर में ही तैयार किया गया है। लगभग दो दर्जन से अधिक महिलाओं की सफल सिजेरियन डिलीवरी कराई गई है और उन्होंने स्वस्थ नवजातों को जन्म दिया है।
अब तक एक भी मासूम को नहीं छू सका कोरोना
सबसे अच्छी बात ये है कि कोविड पॉजिटिव प्रसूताओं की डिलीवरी के बाद अब तक एक भी नवजात पॉजिटिव (Newborn not positive) नहीं पाया गया है। जन्म के बाद सभी बच्चों को मां के साथ कोविड सेंटर में ही रखा जाता है, ताकि बच्चों को अमृत समान मां का दूध मिल सके और मासूमों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी रहे।