रजवार समाज के सरगुजा जिलाध्यक्ष बालेश्वर राजवाड़े ने गांधीनगर थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया है कि 6 नवंबर को रजवार भवन नमनाकला में निवास कर अध्ययन कर रहे छात्रों के मोबाइल पर किसी ने फोन कर कार्यक्रम करने की बात कही। उसने कहा कि इसमें 10-15 लोग शामिल होंगे।
इस पर मीटिंग के लिए मौखिक अनुमति दी गई थी। इसी बीच दोपहर करीब 1 बजे उन्हें सूचना मिली कि भवन परिसर में राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा छत्तीसगढ़ के सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे हैंं। वे मोर्चा के बैनर तले धर्मांतरण जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं तथा दूसरे धर्मों को नीचा दिखाने भाषण दे रहे हैं।
साथ ही हिंदू धर्म को लेकर भी अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं। सूचना मिलते ही वे, संचालक व प्रवक्ता मनोज राजवाड़े तथा क्षेत्रीय प्रवक्ता रामप्रसाद राजवाड़े मौके पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देखा कि भवन परिसर में करीब 2 हजार लोग उपस्थित थे।
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हिंदू धर्म को लेकर कर रहे थे अनर्गल बात
बालेश्वर राजवाड़े शिकायत में बताया है कि मंच पर माइक लिए विलास खरात, सुनील डोगरविदे, अरविंद कच्छप, रंजीत बड़ा, ब्लासियूस तिग्गा व अन्य लोगों द्वारा संबोधित किया जा रहा था। वे हिंदू धर्म व ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे थे। इस अमर्यादित टिप्पणियों का उन्होंने विरोध किया तथा समझाइश दी। उन्होंने कहा कि वे तत्काल रजवार भवन को खाली कर दें।
Obscene statement: मारपीट पर हो गए उतारू
बालेश्वर राजवाड़े ने बताया कि विरोध करने पर मंचासीन कार्यकर्ताओं द्वारा उनसे विवाद किया जाने लगा तथा हाथापाई व मारपीट पर उतारू हो गए। इनमें कुछ लोग यातायात पुलिस की वर्दी में भी थे। वे उन्हें धमकी देने लगे। उन्होंने कहा कि जल, जंगल व जमीन हमारा है। रजवार भवन की रजिस्ट्री को भी निरस्त कराने तथा झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे। गौरतलब है कि मामले की सूचना पर पुलिस व प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची थी। उनकी मौजूदगी में ही दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ।
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